ओमिक्रॉन का एक नया वेरिएंट भारत में आ गया है. जिसका नाम XBB.1.5 है. इसके देश में 5 केस दर्ज किए जा चुके हैं. ये सभी मरीज गुजरात, कर्नाटक और राजस्थान में मिले हैं. भारत में XBB वेरिएंट के 6 महीने से कम समय में 40 फीसदी से ज्यादा मामले आ चुके हैं. अमेरिका में तबाही मचाने वाले इस वेरिएंट से क्या भारत में लोगों को डरने की जरुरत है? आइए जानते हैं.
भारत में क्या डरने की जरूरत?
भारत में ओमिक्रॉन के कुल 63% मामले हैं और फिलहाल कोरोना का XBB.1.5 वेरिएंट नई परेशानी बन रहा है . ये XBB का सब-वेरिएंट है जो कि BA.2.75 और BA.2.10.1 से मिलकर बना है. यानी ये एक रिकॉम्बिनेंट वेरिएंट है. 6 महीने से XBB वेरिएंट भारत में है. इसलिए इसके नए स्वरूप के भारत में ज्यादा नुकसान करने का अंदेशा कम है. सीनियर फिजिशियन डॉ एम वली के मुताबिक भारत में लोगों को सतर्कता बरतने की जरुरत है, डरने की नहीं.
अलर्ट मोड में सरकार
हालांकि सरकार इस बार कोरोना को लेकर कोई खतरा मोल लेने के मूड में नहीं है. इसलिए देश भर में ऑक्सीजन समेत पल्स ऑक्सीमीटर तक की गिनती कर रही है. इनके निर्यात पर भी नजर रखी जा रही है. केंद्र की सरकार ने गजेट नोटिफिकेशन जारी करके मार्च 2023 तक ऑक्सीमीटर, ब्लड प्रेशर मापने की मशीन, नेबुलाइज़र, डिजीटल थर्मोमीटर और ग्लूकोमीटर के दाम ना बढ़ाने का फैसला किया है.
नहीं बढ़ेंगे दाम
इसके अलावा लिक्विड ऑक्सीजन के दाम भी नहीं बढ़ाए जाएंगे. इन सामानों के निर्माताओं के मुताबिक भारत में फिलहाल कोरोना को लेकर तैयारी पूरी है. सारा हेल्थ केयर के राजेश कनोडिया के मुताबिक भारत में कोविड काल में आत्म निर्भरता बढ़ी है. पहले काफी सामान का रॉ मैटिरियल चीन से आता था लेकिन अब भारत में ही निर्माण होने लगा है. हालांकि चीन में कोरोना में इस्तेमाल होने वाले सामान की डिमांड बढ़ी है. विदेशों से भारत आने वाले कुछ कंसाइनमेंट भी चीन की ओर डायवर्ट हुए हैं. भारत में इस वक्त मौजूद स्टॉक की स्थिति ऐसी है.
वेंटिलेटर 70996 तैयार – 70478 (88%)
ऑक्सीजन प्लांट 12656 तैयार – 11830 (93%)
लिक्विड ऑक्सीजन 170951 तैयार – 169836 (99%)
ऑक्सीजन सिलेंडर 663547 तैयार – 622151(94%)
ऑक्सीमीटर 396348 तैयार – 379168 (96%)
वहीं एन 95 मास्क की बात करें तो इस वक्त देश में 2 करोड़ 33 लाख 82 हज़ार और 515 मास्क तैयार हैं. ऐसे में निर्यात पर निगरानी रखकर ही काम चल जाएगा ऐसी उम्मीद की जा रही है. भारत में कोरोना के कुल एक्टिव केस 3 हज़ार से कम ही हैं.