चीन ने ताइवान को फिर दी हमले की धमकी, कहा- आजादी के सपनों की सज़ा मिलेगी

बीजिंग. चीन ने ताइवान को एक बार फिर हमला करने की चेतावनी देते कहा कि इस स्व-शासित द्वीप के साथ बातचीत करने वाले विदेशी राजनेता ‘आग से खेल रहे हैं’. चीन के ताइवान मामलों के कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बुधवार को कहा कि बीजिंग नए साल में अपनी ‘संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा’ तथा ‘ताइवान की स्वतंत्रता की साजिशों को कुचलने’ के लिए प्रतिबद्ध है.

प्रवक्ता मा शियाओगुआंग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘दूसरे देशों में कुछ चीन विरोधी तत्वों के बीच ताइवान की स्वतंत्रता के लिए दुर्भावनापूर्ण समर्थन एक जानबूझकर उकसावे वाला कदम है. हम संबंधित देशों से ताइवान की अलगाववादी ताकतों को गलत संकेत भेजना बंद करने और ताइवान के मुद्दे पर आग से खेलना बंद करने का आह्वान करते हैं.’

बता दें कि ताइवान एक स्वशासित लोकतंत्रिक देश है, जो वर्ष 1949 में मुख्य भूमि चीन से अलग हो गया था. वहीं चीन का मानना है कि चीनी क्षेत्र के रूप में इसे बीजिंग के नियंत्रण में लाया जाना चाहिए और अगर जरूरी हुआ तो इसके लिए ताकत का इस्तेमाल भी किया जाना चाहिए.

चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने ताइवान मामलों के कार्यालय की चेतावनी को ट्वीट किया कि ‘ताइवान के ‘अलगाव’ का विफल होना तय है और ताइवान की स्वतंत्रता ‘दंडित किए जाने वाला कदम है.’

बता दें कि अमेरिकी संसद की स्पीकर नैन्सी पेलोसी और यूरोपीय संघ के कई राजनेताओं सहित विदेशी राजनेताओं ने हाल के महीनों में ताइवान की यात्राएं की है. उनके इस कदम ने बीजिंग को नाराज कर दिया है और इसके बाद से चीनी सेना इस द्वीप के चारों ओर बड़ा सैन्य अभ्यास कर रही है. वहीं ताइपे इसे हमले की तैयारी के रूप में देख रहा है.

पिछले साल दिसंबर के अंत में चीन ने ताइवान की ओर रिकॉर्ड 71 विमान और सात जहाज भेजे, जो वर्ष 2022 में इस तरह का सबसे बड़ा अभ्यास था. वहीं इस हफ्ते ताइवान की सेना चीन के खतरों का मुकाबला करने की अपनी क्षमता के बारे में जनता को आश्वस्त करने के मकसद से अपना भी सैन्य अभ्यास कर रही है.

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