जेडीए को जारी किया गया था नोटिस
इससे पहले आरोपी भूपेंद्र सारण की पत्नी और भाई-भाभी की ओर से अर्जी दाखिल करने के बाद अदालत ने जयपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी को नोटिस जारी करके अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया था. अदालत ने सुनवाई पूरी होने तक जयपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी को एक्शन नहीं लेने के लिए कहा था.
अवैध निर्माण हटाने के लिए मांगा था समय
हालांकि, ट्रिब्यूनल अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान आरोपी भूपेंद्र सारण की ओर से उनके वकील ने ये कबूल किया कि निर्माण अवैध है. उन्होंने कहा कि हम इसको अपने स्तर से हटा देंगे. इसको लेकर वकील ने अदालत से 15 दिन का समय भी मांगा था.
कोर्ट ने दिया ये आदेश
पर अदालत ने याचिकाकर्ता की सभी दलीलें सुनने के बाद अर्जी को खरिज कर दिया. कोर्ट ने जयपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी को अवैध हिस्से को हटाने और साइट प्लान के अनुसार किए गए निर्माण के भाग को नुकसान न पहुंचाने का आदेश दिया.