बिना पांव के ही दौड़ गया शख्स, हौसले से जीती रेस, बना डाला वर्ल्ड रिकॉर्ड!

‘कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती’ ये लाइन आपने न जाने कितनी ही बार सुनी होगी. लेकिन इन लाइनों के सही मायने क्या होते हैं ये उस शख्स ने साबित कर दिया, जिसके साथ ऊपर वाले ने ही बेईमानी कर दी थी. जिस शख्स की यहां बात की जा रही है उसने दौड़ लगाने में वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम किया है. लेकिन जहाँ हर रेसर पैरों से दौड़कर कामयाबी हासिल करता है. वहीं इस शख्स ने बिना पांव के ऐसी दौड़ लगाई की इतिहास रच दिया.

गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने अपने ऑफ़िशियल ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो साझा किया जिसमें ऐसे शख्स का जिक्र था जो पांव की जगह हाथों से दौड़ता है. जी हाँ, अमेरिका के जियॉन क्लार्क बिना पैरों के ऐसा दौड़े कि गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवा लिया. जियॉन के बचपन से ही पैर नहीं हैं. अपने हाथों के बल पर दौड़कर उन्होंने अचंभित कर दिया. जियॉन ने अपनी हिम्मत और हौसले के बल पर ये कीर्तिमान रचा है. एक बार आप उनका वीडियो देखेंगे तो जीवन में आने वाली हर रुकावट मुश्किल और बाधाओं को छोटा समझने लगेंगे.

हाथों से दौड़कर बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड
जियॉन के पैर नहीं है. बचपन से ही वह बिना पैरों के रहे. इतना ही नहीं उनके कमर के नीचे का पूरा हिस्सा नदारद है. यह समस्या उन्हें जन्म के पहले से थी. असल में ज़ियॉन एक ऐसी बिमारी से पीड़ित हैं जो शरीर के विकास में बाधा बनती है. जिसका नाम है Caudal Regressive Syndrome. लेकिन ईश्वर के इतने बड़े छल के बाद भी ज़ियॉन ने न हिम्मत हारी ना हौसला टूटने दिया. बल्कि अपनी कमजोरी को अपनी ताकत बना लिया और फिर उस रेस का हिस्सा बनें, जिसे दोनों पैरों से दौड़ सकने वाले भी नहीं जीत पाते. ज़ियॉन ने अपने हिम्मत के बल पर हाथों से दौड़ लगाई और गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराने में कामयाब रहे.

बिना पैरों के जिंदगी के रेस जीतने में जुटा धावक
ज़ियॉन ने रेसिंग ट्रैक पर हाथों से दौड़कर सबसे तेज़ 20 मीटर की दौड़ पूरी कर इतिहास रच दिया. ज़ियॉन क्लार्क की ये कहानी प्रेरणा देने वाली है. ऐसे हर लोग जो अपने जीवन में आने वाली छोटी छोटी बाधाओं को कामयाबी में रुकावट मानते हैं. या हर छोटी बड़ी मुश्किल कि आगे घुटने टेक देते हैं, उनके लिए ज़ियॉन किसी मिसाल से कम नहीं हैं. गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड की सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा की गई वीडियो लोगों को प्रेरणा देने और उनकी हिम्मत बढ़ाने के लिए काफी है.

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