नई दिल्ली: सिंघु बॉर्डर पर किसानों के धरना स्थल के समीप बेरहमी से हुए युवक के कत्ल की जिम्मेदारी लेने वाले निहंग सरवजीत सिंह ने आज कहा कि उसे “कोई पछतावा नहीं” है. निहंग सरवजीत सिंह को कल आत्मसमर्पण करने के बाद आज एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया और सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. पुलिस अधिकारियों ने कोर्ट से 14 दिनों की रिमांड की गुजारिश की थी.
पंजाब के तरनतारन जिले के 35 वर्षीय लखबीर सिंह का शव कल शुक्रवार की सुबह बरामद किया गया. उसका बायां हाथ और दाहिना पैर कटा हुआ था.
जैसे ही इस नृशंस हत्या की खबर फैली, कम से कम तीन वीडियो वायरल हुए. जिसमें निहंगों का एक बड़ा समूह खून से लथपथ और दर्द में दिख रहे लखबीर सिंह के चारों ओर दिखा.
एक वीडियो में दिखाया गया है कि लखबीर का बायां हाथ कट जाने के बाद समूह उसके ऊपर खड़ा है. दूसरे वीडियो में लखबीर के मरने के क्षणों को दिखाया गया. एनडीटीवी इनमें से किसी भी वीडियो की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं कर पाया है.
साथ ही, कल सुबह से चल रही रिपोर्टों में दावा किया गया है कि सिखों के पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब को कथित रूप से अपवित्र करने के लिए लखबीर सिंह पर हमला किया गया था.
स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव, जो किसानों के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले समूह का हिस्सा हैं, ने संकेत दिया था कि गुरुवार रात धरना स्थल पर अपवित्रता के एक सवाल पर बहस छिड़ गई थी.
निहंगों ने कथित तौर पर लखबीर को पीट-पीटकर मार डाला, उसके हाथ-पैर काट दिए और उसे पुलिस बैरिकेड्स से बांध दिया.
पिछले साल निहंगों से जुड़ी एक घटना हुई थी. इस घटना में निहंगों ने पटियाला में पंजाब के एक सिपाही का हाथ तलवार से काट दिया था. सिपाही ने उन्हें कोविड लॉकडाउन के दौरान ‘मूवमेंट पास’ दिखाने के लिए कहा था.