कुंडली बॉर्डर पर हत्या का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, याचिका में प्रदर्शनकारियों को हटाने की मांग

सिंघु बार्डर पर किसानों के प्रदर्शन स्थल पर अनुसूचित जाति के व्यक्ति की हत्या का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। इसे लेकर अदालत में एक याचिका दाखिल की गई है। इस याचिका में लखबीर सिंह की हत्या का जिक्र करते हुए शीर्ष अदालत से उस लंबित जनहित याचिका पर तत्काल सुनवाई करने की अपील की गई है जिसमें दिल्ली की सीमाओं से प्रदर्शनकारियों को हटाने की मांग की गई थी। याचिका में दलील दी गई है कि भाषण और अभिव्यक्ति की आजादी जीने के अधिकार से ऊपर नहीं हो सकती है।

देश को बड़े पैमाने पर नुकसान होने की दलील
स्वाति गोयल और संजीव नेवार ने वकील शशांक शेखर झा के जरिए ये याचिका दाखिल की है। इसमें कहा गया है कि अगर इन प्रदर्शनों को ऐसे ही चलते रहने दिया गया तो देश को बड़े पैमाने पर नुकसान होगा। याचिका में केंद्र सरकार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सभी तरह के प्रदर्शन रोकने और महामारी खत्म होने तक ऐसे प्रदर्शनों की इजाजत नहीं देने के संबंध में दिशा-निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

वकील शशांक शेखर झा ने कहा कि स्वाति गोयल और संजीव नेवार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। इनकी याचिका सुप्रीम कोर्ट में मार्च, 2021 से लंबित है। कई कोशिशों के बावजूद अब तक मामले की सुनवाई नहीं हुई है।

लाखों लोगों का जीवन खतरे में डाल रहे प्रदर्शनकारी 
याचिका में यह भी कहा गया है कि कोरोना संकट के चलते त्योहारों के सीजन में भी जश्न मनाने, मंदिरों में जाने, स्कूल-कॉलेज जाने पर प्रतिबंध है तो ऐसे प्रदर्शनों को अनुमति देना ठीक नहीं होगा। प्रदर्शनकारी अपने साथ देश के लाखों लोगों का जीवन खतरे में डाल रहे हैं। जब महामारी चल रही हो इतने लंबे आंदोलन को अनुमति नहीं दी जा सकती है। सार्वजनिक स्थानों पर लंबे समय से प्रदर्शन किया जाना शीर्ष अदालत के आदेशों का उल्लंघन है।

          

 

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