रायपुर। छत्तीसगढ़ में मसीही समाज के लिए रविवार बेहद महत्वपूर्ण होगा। बरसों की धर्मसेवा के बाद दस डीकन अभिषेक संस्कार के बाद पादरी बनेंगे। सेंट थॉमस चर्च तिल्दा में शाम चार बजे छत्तीसगढ़ डायसिस के बिशप द राइट रेव्हरेंड अजय उमेश जेम्स उनका पवित्र पुरोहिताभिषेक संस्कार संपन्न करेंगे। छत्तीसगढ़ डायसिस ने जिन दस डीकन को पुरोहिताई सेवा के योग्य समझा है उनमें दो महिला धर्म सेविकाएं भी हैं। इनमें डीकन अनुजा छत्तर महासमुंद और डीकन भावना आर्थर पेंड्रा गौरेला मारवाही जिले से हैं। इनके अलावा डीकन अब्राहम दास रायपुर, डीकन सौलभ लाल बिलासपुर, डीकन विपिन वासनिक, डीकन कृष्णा खुंटे और डीकन अरुण कोरी रायपुर, डीकन जॉर्ज वैसली वानी व डीकन इस्माइल कुमार बलौदाबाजार भाटापारा, डीकन प्रभाष लाल मुंगेली जिलों से हैं। वे विभिन्न गिरजाघरों में प्रेसबिटर इंचार्ज के अधीन धर्म सेवा दे रहे हैं। उन्होंने देश के नामी बाइबिल कालेजों से धर्मशिक्षा ग्रहण की है। वे वर्तमान में परिवारों में दुआ -प्रार्थना, मरीजों से मुलाकात, आराधनालय में रविवारीय आराधना में सहयोग, पादरी व बिशप तथा डायसिस की सेवा में हैं। छत्तीसगढ़ डायसिस के प्रवक्ता जॉन राजेश पॉल ने बताया कि पादरी बनने पर उन्हें मैरिज रजिस्ट्रार बनकर विवाह संपन्न कराने, अंतिम संस्कार करने, प्रभु भोज का पवित्र संपन्न संपन्न करने, आराधना में आशीष देने, किसी चर्च का पूर्ण पुरोहित नियुक्त होने, पास्ट्रेट कमेटी की अध्यक्षता करने, नामकरण, अर्पण व – बपतिस्मा संस्कार देने आदि अधिकार मिल जाएंगे। ये सब डायसिस प्रबंधन तय करेगा। अभिषेक की आराधना में डीकन के परिजन, प्रदेशभर के पादरीगण, चर्चों के पदाधिकारी व संस्था प्रमुख जुटेंगे।
पोषाक में बदलाव –
वर्तमान में डीकन सफेद गाउन पहनते हैं। सामान्यतया रेड स्टोल तिरछा करके लगाते हैं। अब उन्हें विशेष तरह का गाउन जो पादरी पहनते हैं पहनने का अधिकार मिलेगा। वे स्टोल सीधा करके बांध सकेंगे। सीएनआई के एलमनिक के अनुसार धार्मिक संस्कारों व त्योहारों के अनुरूप वे लाल के अलावा सफेद, काला, हरा, वायलेट, भूरा आदि स्टोल भी सीनियर प्रीस्ट के मार्गदर्शन में धारण कर सकेंगे।