India’s fifth Nano Plan: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 6 फरवरी को झारखंड के देवघर में नैनो यूरिया प्लांट और भारतीय किसान उर्वरक सहकारी के टाउनशिप की आधारशिला रखी. 450 करोड़ की लागत से इसका निर्माण किया जाएगा. यह नैनो प्लांट भारत का पांचवां होगा. 2021 में गुजरात में दुनिया के पहले नैनो यूरिया प्लांट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि झारखंड के किसानों को नैनो यूरिया से लाभ होगा. पहले से ही नैनो यूरिया का पांच देशों में निर्यात किया जा रहा है. नैनो यूरिया फसल की उत्पादक, मिट्टी को स्वास्थ्य और उत्पादों की पोषण गुणवत्ता में सुधार करने में सहायता करता है.
नैनो (इफको) के प्रबंध निदेशक यूएस अवस्थी ने बताया कि, प्लांट 2024 के दिसंबर तक शुरू हो जाएगा. उन्होंने कहा कि, 300 करोड़ की लागत से नैनो यूरिया और 150 करोड़ की लागत से टाउनशिप बनाया जाएगा. देवघर जिले के जसीडीह क्षेत्र में इफको को 20 एकड़ जमीन आवंटित की गई है.
भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड, जिसे इफको के नाम से भी जाना जाता है, यह एक बहु-राज्य सहकारी समिति है. इसकी शुरूआत 1967 में 57 सदस्यों के साथ हुई थी और अब यह प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद पर कारोबार की दृष्टि से दुनिया की सबसे बड़ी सहकारिता है. इसमें करीब 35,000 सदस्य सहकारी समितियां और 50 मिलियन से अधिक भारतीय किसानों तक लाभ पहुंच रही है.