पुलिस-नक्सली मुठभेड़: 4-5 नक्सलियों के घायल होने की खबर

कांकेर। जिले में रविवार सुबह पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई है। छोटे बेठिया क्षेत्र के आल्दंड के जंगलों में मुठभेड़ हुई है। जिला पुलिस और बीएसएफ की संयुक्त पार्टी शनिवार को गश्त पर निकली थी, इसी दौरान मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ में 4-5 नक्सलियों के घायल होने की खबर है। एसपी शलभ सिन्हा ने मुठभेड़ की पुष्टि की है।

एसपी शलभ सिन्हा ने बताया कि दो बार मुठभेड़ हुआ है। पहली बार सुबह साढ़े 7 बजे और दूसरी बार 10 बजे जवानों की नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हुई है। फिलहाल इलाके में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है। मौके पर अतिरिक्त बल भी भेजा गया है। सर्चिंग पार्टी फिलहाल वापस नहीं लौटी है, जिसके चलते अधिक जानकारी बाहर नहीं आ सकी है।

ज्ञात हो कि,28 जनवरी को भी कांकेर जिला मुख्यालय से महज 20 किलोमीटर दूर आमाबेड़ा क्षेत्र के उसेली के जंगलों में पुलिस और नक्सलियों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ हुई थी। आधे से पौन घंटे तक चली मुठभेड़ के बाद नक्सली जंगल की आड़ लेकर भाग निकले। मौके से भारी मात्रा में नक्सली सामग्री बरामद की गई थी।

बताया जा रहा है कि 28 जनवरी की दोपहर पुलिस को खबर मिली थी कि उसेली के जंगल में नक्सलियों का एक बड़ा लीडर अपनी टीम के साथ कैंप किए हुए है, जिसकी सूचना पर तत्काल डीआरजी की एक टीम रवाना की गई थी। जंगल मे जवानों को अपनी ओर आता देख नक्सलियों ने जवानों पर गोलियां बरसाई, जिसके जवाब में जवानों ने भी फायरिंग की। दोनों ओर से आधे घंटे चली गोलीबारी के बाद जवानों को भारी पड़ता देख नक्सली जंगल की आड़ लेकर भाग निकले।

ऑटोमैटिक हथियार से फायरिंग, बड़े लीडर की मौजूदगी

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नक्सलियों की ओर से ऑटोमैटिक हथियारों से गोलियां बरसाई गई थीं, जिससे साफ है कि पुलिस के पास जो बड़े लीडरों की मौजूदगी की सूचना थी वो सही थी। मौके से दैनिक उपयोग के सामान, नक्सली साहित्य समेत अन्य सामान बरामद हुए।

नक्सली स्मारक ध्वस्त

10 दिन पहले कांकेर जिले के छोटे बेठिया इलाके में जवानों ने नक्सली स्मारक ध्वस्त कर दिया था, साथ ही मौके से बैनर भी जब्त किया गया। नक्सलियों ने बीते साल पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए अपने लीडर दर्शन पड्डा, जागेश सलाम और उंगी के नाम से लकड़ी का स्मारक बना रखा था। बीएसएफ जवानों की टुकड़ी आमटोला खैरिपदर इलाके में सर्चिंग पर निकली हुई थी। इस दौरान जंगल के नजदीक नक्सलियों द्वारा बनाए गए लकड़ी के स्मारक को जवानों ने देखा और उसे ध्वस्त कर दिया।

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