रायपुर। पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने धर्मांतरण को लेकर बड़ा बयान दिया है। शंकराचार्य ने कहा कि धर्मांतरण के लिए मुख्यमंत्री, कलेक्टर, मंत्री और राज्यपाल जैसे लोग जिम्मेदार हैं। राजनेताओं के कारण ही धर्मांतरण हो रहा है। उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। यदि हिंदुओं का धर्मांतरण होता है, तो उन्हें सजा मिलनी चाहिए।
मतांतरण को लेकर शंकराचार्य ने कहा कि राजनेताओं के कारण धर्मांतरण हो रहा है। राजनेता और जिम्मेदार हिंदुओं के धर्मांतरण को प्रश्रय देते हैं, जो हिंदुओं के धर्मांतरण पर कुछ नहीं कहते, उन्हें फांसी होनी चाहिए। तालिबान का उदाहरण देकर जगद्गुरु ने दावा करते हुए कहा कि पुरी में मां दुर्गा की प्रतिमा का मुंह खुला था। मुंह से मां दुर्गा ने तीन बार कहा था- हिंदू राष्ट्र, हिंदू राष्ट्र, हिंदू राष्ट्र, तब से दुनिया में हिंदू राष्ट्र की गूंज है। अब तो अमेरिका के संसद में कहा जाता है हिंदू राष्ट्र। अरब देशों में भी अब हिंदुत्व की गूंज है। राजधानी रायपुर के सुदर्शन संस्थानम शंकराचार्य आश्रम में आयोजित प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा कि जो लोग टिप्पणी कर रहे हैं, क्या वो रामचरित मानस को जानते हैं? रामचरित लांछित होने योग्य नहीं है। राष्ट्रपति के पास जाकर निवेदन किया गया है कि इन पंक्तियों पर आपत्ति है। चाणक्य नीति का अध्ययन कीजिए। अर्थ न जानकर कोई संशोधन चाहता है वो अपनी नासमझी और मूर्खता को दूर करे। आरक्षण पर निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि वर्तमान आरक्षण में पांच दोष हैं, जिन्हें कुटीर उद्योग थमाया गया था। उन्हें आरक्षण की क्या आवश्यकता है? बीपी सिंह ने आरक्षण को थोपा है, ताकि अनंत काल तक पद में रह सके।
निश्चलानंद महाराज ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी दोनों हमारे परचित हैं। आदित्यनाथ योगी ने कहा था वैध बुचड़ खाने बने रहे और अवैध बंद हो जाए तो ये गौ हत्या का समर्थन हुआ या नहीं। देश में दो तरह के बुचड़ खाने हैं, वैध और अवैध। मोदी की बात करे तो शायद वो संभल गए हैं। उन्होंने कहा सुप्रीमकोर्ट से कहलवाया था कि गौ रक्षक गुंडे हैं। जिस देश का उच्चत्तम न्ययालय और प्रधानमंत्री गौ रक्षकों को गुंडे कह चुके हो, उनसे आप क्या आशा रखते हो, उनको पश्च्याताप है क्या? एक वैध बूचड़ खाने बनाए रखना चाहते हैं और एक गौ रक्षकों को गुंडे कहते हैं।
शंकराचार्य ने कहा कि मोहम्मद साहब ईसा मसीह सबके पूर्वज हिंदू थे। ईसा जी की प्रतिमा रोम में है, प्रतिमा को ढककर रखा गया है। पर्दा हटा दें तो वैष्णव तिलकयुक्त ईसा की प्रतिमा सामने आ जाएगी। ईसा मसीह को सूली पर चढ़ा दिया गया था, भगवत कृपा से वे जीवित निकले। ईसा मसीह कट्टर वैष्णव थे, जम्मू में उनकी कब्र है। साधु संत के चमत्कारों पर निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि अगर वह लोगों को भटकाने से बचाते हैं, भगवान से जोड़ लेते हैं तो अच्छी बात है।