रेलवे और डाक विभाग ने मिलाया हाथ, डोर-टू-डोर पार्सल सेवा को मिलेगा नया मुकाम

नई दिल्ली. देश में सामानों की आवाजाही के लिए काम करने वाले भारत सरकार के दो बड़े विभागों ने अब एक साथ आकर देश में पार्सलों की ढुलाई को नए मुकाम पर ले जाने का फैसला किया है. अपनी तरह की एक अनूठी पहल में भारतीय रेलवे (Indian Railways) और भारतीय डाक (India Post) ने औपचारिक रूप से ‘रेल पोस्ट गति शक्ति एक्सप्रेस कार्गो सेवा’ (Rail Post Gati Shakti Express Cargo Service) शुरू की है. ये सेवा एक ज्वाइंट पार्सल प्रोडक्ट (JPP) है, जो डोर-टू-डोर पार्सल पिकअप और उसकी डिलीवरी देगा. इसके लिए एक शर्त ये है कि पार्सल 35 किलो से ज्यादा वजन का होना चाहिए.

‘रेल पोस्ट गति शक्ति एक्सप्रेस कार्गो सेवा’ के शुरुआती चरण में 15 जोड़ी ट्रेनें चलेंगी. इसके लिए एक पायलट प्रोजेक्ट मार्च 2022 में सूरत और वाराणसी के बीच शुरू किया गया था. अब दिल्ली में कोलकाता के लिए ICOD ओखला से एक्सप्रेस कार्गो सेवा शुरू हुई है. इसके साथ ही बेंगलुरु से गुवाहाटी, सूरत से मुजफ्फरपुर और हैदराबाद से हजरत निजामुद्दीन तक की ट्रेनों को एक साथ लॉन्च किया गया. News18 से बात करते हुए दिल्ली के मंडल रेल प्रबंधक (DRM) डिंपी गर्ग ने कहा कि JPP मॉडल का फोकस ग्राहक को एक कंप्लीट सर्विस देना है. भारतीय डाक ग्राहक के घर से खेप उठाएगा और उसे नजदीकी रेलवे स्टेशन तक पहुंचाएगा. पार्सल को तय स्टेशन तक पहुंचाना रेलवे का काम होगा. उसके बाद स्टेशन से अंतिम पते तक सामान को पहुंचाने का काम भारतीय डाक विभाग करेगा.

इस योजना के तहत पार्सल बुक करने का एक सबसे बड़ा लाभ यह है कि जेपीपी योजना के तहत चलने वाली ट्रेनें तय समय से चलने के लिए प्रतिबद्ध हैं. अब तक दोनों विभाग अपनी सेवाएं अलग-अलग चला रहे थे. गर्ग ने बताया कि एक्सप्रेस या मेल ट्रनों की तरह इन कार्गो ट्रेनों में भी तय स्टॉपेज होंगे. इन स्टेशनों पर पार्सल को लोड और अनलोड करने के लिए काफी लंबा स्टॉपेज होगा. जबकि रेलवे के फ्रेट विभाग के सीनियर डिविजनल कमर्शियल मैनेजर (डीसीएम) आनंद मोहन ने बताया कि यह एक डोर-टू-डोर सर्विस होगी. लोगों से सटीक वजन और दूरी के हिसाब से चार्ज लिया जाएगा. स्लैब सिस्टम को खत्म करते हुए पहली बार प्रति किलोग्राम और प्रति किलोमीटर के आधार पर किराया तय किया गया है.

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