मास्को. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने वार्षिक संबोधन में पश्चिमी देशों पर यूक्रेन में युद्ध शुरू करने का आरोप लगाया और कहा कि रूस ने इसे रोकने के लिए बल का इस्तेमाल किया. इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि जंग के मैदान में रूस को हराना नामुमकिन है.
राष्ट्रपति पुतिन ने मंगलवार को मॉस्को में कहा कि रूस बातचीत करने और पश्चिम के साथ कूटनीति के रास्ते पर चलने के विचार के लिए खुला था और सुरक्षा की समान व्यवस्था के लिए खुला रहा है. इस दौरान उन्होंने नाटो के विस्तार का जिक्र करते हुए दावा किया कि मास्को को ‘बेईमान जवाब’ मिले.
‘पश्चिमी देशों में स्थानीय संघर्ष को वैश्विक बनाया’
रूसी राष्ट्रपति ने अपने भाषण में अमेरिका और उसके सहयोगियों को निशाना बनाते हुए पश्चिमी देशों पर स्थानीय संघर्ष को वैश्विक संघर्ष में बदलने की कोशिश करने का आरोप लगाया. पुतिन ने कहा, ‘हम उचित तरीके से प्रतिक्रिया देंगे. हम अपने देश के अस्तित्व के बारे बात कर रहे हैं.’
यूक्रेन को पिछले एक साल से सैन्य सहायता देने वाले देश का नाम लिए बिना पुतिन ने अमेरिका को भी चेतावनी दी. उन्होंने कहा, ‘यूक्रेन को जितनी ज्यादा लंबी दूरी के हथियार भेजे जाते हैं, हमें खतरे को अपने से उतनी ही ज्यादा दूर धकेलना होगा. कदम दर कदम, हम सावधानीपूर्वक और व्यवस्थित रूप से उन लक्ष्यों को हासिल करेंगे जो हमारे सामने हैं.’
‘रूस को खत्म करना चाहते हैं पश्चिमी देश’
राष्ट्रपति पुतिन ने अपने संबोधन में रूस के खिलाफ पश्चिमी देशों की साजिश का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि पश्चिमी देश ‘रूस को खत्म करना’ चाहते हैं. पुतिन ने कहा, ‘पश्चिमी अभिजात वर्ग रूस को रणनीतिक रूप से हराने के अपने लक्ष्य को नहीं छिपा रहे हैं. इसका मतलब हम सबको एक ही बार में हमेशा के लिए मिटाना है.’
‘रूस पर प्रतिबंध का हुआ उल्टा असर’
रूसी राष्ट्रपति ने अपने वार्षिक संबोधन में कहा, ‘उन्होंने अपने ही देशों में कीमतें बढ़ाईं, कारखानों को बंद करने, ऊर्जा क्षेत्र को ढहने की ओर ले गए और वे अब अपने नागरिकों को बता रहे हैं कि यह रूसियों का दोष है.’
पुतिन ने कहा कि पश्चिमी देशों ने रूस के प्रति आर्थिक आक्रामकता दिखाई है. उन्होंने कहा, ‘इनमें से किसी भी क्षेत्र में उन्हें सफलता नहीं मिली है. प्रतिबंधों को शुरू करने वाले खुद को सजा दे रहे हैं.’
रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि यूक्रेनी नागरिक ‘अपने पश्चिमी आकाओं के बंधक’ बन गए हैं और उन लोगों ने राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य दृष्टि से देश पर कब्जा कर लिया है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की के नेतृत्व वाला शासन राष्ट्रीय हित की नहीं, बल्कि विदेशी शक्तियों के हितों की सेवा कर रहा है.