रायपुर. राज्यपाल बिश्वभूषण हरिचंदन ने बजट सत्र के पहले दिन अभिभाषण में कहा, मेरी सरकार आदिम जाति अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को शासकीय सेवा और व्यावसायिक पाठ्यक्रम में विधि अनुसार आरक्षण का लाभ देने के लिए कटिबद्ध है. इसी अनुक्रम में राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ लोक सेवाओं में अनुसूचित जातियों अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण हेतु छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षण) (संशोधन) विधेयक 2022 एवं शैक्षणिक संस्था (प्रवेश में आरक्षण) (संशोधन) विधेयक 2022 सर्व सम्मति से विधानसभा में पारित किया गया है, जो अभी अनुमति के लिए विचाराधीन है.
बता दें कि छत्तीसगढ़ में सर्व सम्मति से पारित दोनों विधेयक राज्यपाल के पास लंबित हैं. इस मामले में राज्य सरकार हाईकोर्ट गई थी और राज्यपाल पर नियम विरुद्ध तरीके से विधेयकों को रोकने व विभागों से सवाल-जवाब करने का आरोप लगाया था. इस मुद्दे पर तत्कालीन राज्यपाल अनुसुइया उइके और सरकार के बीच बयानबाजी भी हुई थी. राज्यपाल ने 71 बिंदुओं में राज्य सरकार की उपलब्धियां गिनाई. इसमें किसान, आदिवासियों के लिए लागू योजनाओं के अलावा अन्य योजनाएं भी शामिल हैं. ये उपलब्धियां बताते हुए राज्यपाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ अब नक्सलगढ़ नहीं, बल्कि विकासगढ़ हो गया है.