रायपुर। द इंटनेशनल एसोसिएशन ऑफ लॉयंस क्लब ने पोस्टर मैकिंग कंपीटिशन के नतीजे घोषित कर दिए हैं। राजधानी के अनिश फ्रेकलीन को पोस्टर मैकिंग कंपनीटिशन में तीसरा स्थान मिला है। उनका लेख माय रिफ्लेक्शन ड्यूरिंग कोविड – 19 पेंडेमिक, का प्रकाशन सेगेस रेनबो बुक में भी हुआ है। वे बीपी पुजारी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी स्कूल में पाचवीं कक्षा के छात्र हैं।
अनीश ने अपने आर्टिकल में कोरोना वॉरिर्य का आभार जताया है। लिखा है कि उनकी मेहनत व लगन तथा जान जोखिम में डालने की वजह से ही पीड़ितों को बचाया जा सका। अनीश ने अपनी भावनाएं उकेरते हुए कहा कि कुछ लोगो मेरे विचारों से सहमत नहीं होंगे, लेकिन जब मुझे प्रारंभ में पता चला कि कोविड की वजह से स्कूलों को बंद किया जा रहा है तो छुट्टी मिलने की वजह से मैं काफी खुश हुआ। धीरे -धीरे मेरी खुशी उदासी में बदल गई क्योंकि मुझे पता चल गया कि यह सब सख्ती के लिए उठाया गया कदम है, ताकि लोग एक – दूसरे के संपर्क में न आएं। इससे कोरोना को फैलने से रोका जा सकेगा। मैं सोशल गैदरिंग को पसंद करता हूं। परिवार के साथ यात्रा करना भी मुझे बाता है।इस दौरान सभी अपनी हेल्थ के लिए चिंतित थे। इस बीच हमारे स्कूल में ऑन लाइन कॉन्सेप्ट से पढ़ाई शुरू की गई। तब यह नया अनुभव था कि ऑनलाइन स्टडी हो। हमने इसे इंजॉय भी किया। प्रारंभ के कुछ दिनों तक यह रोमांचित करने वाला रहा। मुझे खुशी इस बात की भी थी कि इसी वजह से मुझे मोबाइल भी मिल गया था, जो मेरा अपना था। मुझे पता नहीं था कि यह सब चीजें मेरे जीवन में टर्निंग पाइंट होगी और उसे बदल देंगी। यह अंतिम और किसी से कम नहीं है। मैं धन्यवाद देता हूं सफाईकर्मियों पुलिस, डाक्टर्स, नर्स, दुकानदारों, किसानों आदि का जिनकी वजह से न सिर्फ अपनी दैनिक जरूरतों को पूरा कर सके, बल्कि सुरक्षित भी रहे। दरअसल, कोरोना वॉरियर्स ही रियल हीरोज हैं। अनिश श्वेता व आकाश फ्रेंकलीन के बेटे हैं।
अनीश ने अपने आर्टिकल में कोरोना वॉरिर्य का आभार जताया है। लिखा है कि उनकी मेहनत व लगन तथा जान जोखिम में डालने की वजह से ही पीड़ितों को बचाया जा सका। अनीश ने अपनी भावनाएं उकेरते हुए कहा कि कुछ लोगो मेरे विचारों से सहमत नहीं होंगे, लेकिन जब मुझे प्रारंभ में पता चला कि कोविड की वजह से स्कूलों को बंद किया जा रहा है तो छुट्टी मिलने की वजह से मैं काफी खुश हुआ। धीरे -धीरे मेरी खुशी उदासी में बदल गई क्योंकि मुझे पता चल गया कि यह सब सख्ती के लिए उठाया गया कदम है, ताकि लोग एक – दूसरे के संपर्क में न आएं। इससे कोरोना को फैलने से रोका जा सकेगा। मैं सोशल गैदरिंग को पसंद करता हूं। परिवार के साथ यात्रा करना भी मुझे बाता है।इस दौरान सभी अपनी हेल्थ के लिए चिंतित थे। इस बीच हमारे स्कूल में ऑन लाइन कॉन्सेप्ट से पढ़ाई शुरू की गई। तब यह नया अनुभव था कि ऑनलाइन स्टडी हो। हमने इसे इंजॉय भी किया। प्रारंभ के कुछ दिनों तक यह रोमांचित करने वाला रहा। मुझे खुशी इस बात की भी थी कि इसी वजह से मुझे मोबाइल भी मिल गया था, जो मेरा अपना था। मुझे पता नहीं था कि यह सब चीजें मेरे जीवन में टर्निंग पाइंट होगी और उसे बदल देंगी। यह अंतिम और किसी से कम नहीं है। मैं धन्यवाद देता हूं सफाईकर्मियों पुलिस, डाक्टर्स, नर्स, दुकानदारों, किसानों आदि का जिनकी वजह से न सिर्फ अपनी दैनिक जरूरतों को पूरा कर सके, बल्कि सुरक्षित भी रहे। दरअसल, कोरोना वॉरियर्स ही रियल हीरोज हैं। अनिश श्वेता व आकाश फ्रेंकलीन के बेटे हैं।