धमतरी। मानव तस्करी मामले में धमतरी के सिहावा पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिसमें एक महिला भी शामिल है. पकड़े गए तस्कर लड़कियों को काम दिलाने के बहाने बहला फुसलाकर ले जाकर दूसरे राज्यों में तस्करी करते थे. इस मामले में महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और ओडिशा के 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं 3 फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है.
मयंक रणसिंह, एसडीओपी नगरी ने बताया कि गढ़िया पारा गांव में रहने वाले 20 साल के एक युवक और 18 साल की दो युवतियों के घर मे आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. इन्हें काम की तलाश थी तो गांव के रहने वाले एक शख्स चिंता राम कोर्राम ने इन्हें महाराष्ट्र में काम दिलाने का भरोसा दिया और अपने साथ 28 फरवरी को महाराष्ट्र के आम गांव ले गया. वहां रात में कार में एक महिला और दो पुरुष आए और सभी को कार में बैठाया.
रास्ते में युवक को शक हुआ. उसने कार में बैठे लोगों की फोन पर चल रही बात को गौर से सुना और चुपचाप भागने का प्लान बना लिया. जब कार जंगल से गुजर रही थी तब युवक ने पेशाब करने के बहाने कार रुकवाई और अंधेरे का फायदा उठाकर दोनों युवतियों को लेकर भाग निकला. बाद में लोगों की मदद से फोन पर सिहावा पुलिस को सूचना दी. तीनों किसी तरह से मदद मांगते हुए 4 मार्च को सिहावा वापस पहुंचे और रिपोर्ट दर्ज करवाई. सिहावा पुलिस ने जांच में पाया कि रोजगार दिलाने के नाम पर गांव का चिंता राम कोर्राम ही मानव तस्करी करता है. ताजा मामले में उसने तीनों का सौदा 5 लाख 10 हजार में किया था. इस मामले में मध्यप्रदेश, ओडिशा और महाराष्ट्र का गिरोह भी शामिल है.
पुलिस ने चिंता राम सहित दोनों प्रदेश से 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. 3 और आरोपी इस मामले में लिप्त है, जिनकी तलाश पुलिस कर रही है. ये खुलासा कान खड़े करने वाला है कि किस तरह से मानव तस्कर गरीब आदिवासियों को रोजगार का लालच देकर बड़े शहरों में बेच रहे हैं और मानव तस्करों के एजेंट वनांचल के गांवों तक फैल चुके हैं.