राजनांदगांव। नारी तू नारायणी का संदेश देते हुए पूज्य संत श्री आशारामजी बापू द्वारा प्रेरित महिला उत्थान मंडल राजनांदगांव द्वारा 8 मार्च विश्व महिला दिवस के उपलक्ष्य में विशाल संस्कृति यात्रा निकाली गयी । यात्रा का शुभारंभ मोहारा स्थित संत श्री आशारामजी आश्रम से दीप प्रज्वलन कर किया गया । इस संस्कृति रक्षा यात्रा में मुख्य रूप से नगर की मेयर श्रीमती हेमा सुदेश देशमुख उपस्थित हुई तथा झंडी दिखाकर यात्रा का शुभारंभ किया गया । यह यात्रा राजनांदगांव आश्रम से निकाल कर शहर के प्रमुख मार्गों का भ्रमण करते हुए शीतला माता मंदिर में सम्पन्न हुई । बैनर, तख्तियों व झाँकियों से सुसज्जित इस यात्रा में बड़ी भारी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया ।
यात्रा में सम्मिलित हुई नगर के महापौर हेमा देशमुख ने कहा कि आज यह शोभायात्रा निकाली जा रही है यह बड़ी सौभाग्य की बात है कि नारी शक्ति अपनी सशक्तिकरण का परिचय हमारे भारतीय इतिहास में अनेक रूपों में हमको दे गई महारानी लक्ष्मीबाई के रूप में रानी दुर्गावती के रूप में जीजाबाई के रूप में अनेक ऐसी शक्तियां है जो इतिहास को याद दिलाती है। यह सारी महिलाएं नारी सशक्तिकरण प्रतीक है आज महिला उत्थान मंडल यह कार्य कर रही है कि नारी को सशक्त कैसे करें क्योंकि जब तक नारी जागेगी नही तब तक सशक्त होगी नही । और नारी जागृति उद्देश्य हर महिला का होना चाहिए हमें। आज की इस यात्रा के लिए महिला उत्थान मंडल को शुभकामनाएं देती हूं आपका यह प्रयास निश्चित रूप से महिलाओं में जागरूकता लाएगी और महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी ।
महिला उत्थान मंडल की अध्यक्ष एरिना चंद्रवंशी ने बताता की यात्रा के द्वारा यह संदेश दिया गया नारी तू नारायणी है, अपनी महिमा में जागकर राष्ट्र व देश में अपना योगदान दे साथ ही यात्रा का मुख्य उद्देश्य यह है कि लोकहित में अपना पूरा जीवन अर्पित करनेवाले संयममूर्ति ऐसे महापुरुष को षड्यंत्र के तहत झूठे आरोपों में फँसाया गया है । इन आरोपों को सिद्ध करने के लिए न्यायालय के पास एक भी सीधा प्रमाण (Direct evidence) नहीं है । फिर भी बापूजी को आजीवन कारावास की सजा दी गयी है । इसी प्रकार एक अन्य सुनियोजित षड्यंत्र के तहत दूसरे केस में अहमदाबाद की एक महिला को मोहरा बनाकर बापूजी को झूठा फँसाया गया है । लड़की के अलग-अलग बयानों में अनेकों विसंगतियाँ होते हुए भी 10 वर्ष से पूज्य बापूजी जेल की यातनाओं को सहते हुए प्रतीक्षारत हैं । लेकिन आखिर यहाँ के भी झूठे, बनावटी केस में बापूजी को आजीवन कारावास की सजा सुना दी गयी है ।
उन्होंने कहा कि विश्व की 4 प्राचीन संस्कृतियों में से केवल भारतीय संस्कृति ही अब तक जीवित रह पायी है और इसका मूल कारण है कि संस्कृति के आधारस्तम्भ संत-महापुरुष समय-समय पर भारत-भूमि पर अवतरित होते रहे हैं लेकिन आज निर्दोष संस्कृति रक्षक संतों को अंधे कानूनों के तहत फँसाया जा रहा है । संतो के ऊपर अत्याचार बन्द हो और सत्य की जीत हो ।
यात्रा में हमारे भारत देश की महान नारियों की आकर्षक झांकियों का प्रदर्शन भी किया गया । जाग रे जाग रे हे नारी तू जाग रे, बहुत सो चुकी अब तो जागो… भजनों के साथ महिलाओं को विशेष संदेश दिया गया । इसके साथ ही नारीशक्ति का संदेश देती हुई तख्तियां भी यात्रा के मुख्य आकर्षण का केंद्र रहीं ।
सदस्या बहनो में तृप्ति वैष्णव, संगीता साहू व प्रियल डेमबानी ने सयुंक्त रूप से बताया कि देश भर में महिला मंडल द्वारा महिलाओं के सर्वांगीण विकास हेतु ‘चलें स्व की ओर’, महिला शिविर का आयोजन, बेटी बचाओ अभियान, तेजस्विनी अभियान, आध्यात्मिक जागरण हेतु युवती एवं महिला संस्कार सभाएं, दिव्य शिशु संस्कार अभियान, निःशुल्क चिकित्सा सेवा,चल चिकित्सा सेवा मातृ-पितृ पूजन दिवस , कैदी उत्थान कार्यक्रम, घर-घर तुलसी लगाओ अभियान, गौ-संवर्धन व हर अमावस्या पर गरीबों में भंडारे,दीपावली पर दरिद्रनारायण सेवा आदि समाजोत्थान के कार्य किए जाते हैं । उन्होंने कहा कि ये सारे दैवी सेवाकार्य संत श्री आशारामजी बापू की प्रेरणा से चलाए जाते हैं ।
इस यात्रा में मुख्य रूप से ममता साहू, नीतू लहरवानी, पूजा बहन, सरिता बहन, एकता, शिखा डेमबानी, किरण नरेडी, सुषमा भोजवानी, प्रभा साहू, मालती जंघेल, रेखा बहन, अंजू बख्सी, सोम साहू, रानी कटियारा, कोमल लहरवानी, निर्मला पंजवानी आदि का विशेष सहयोग रहा ।