8 वर्षो से लोगो के लिए बन रहे प्रेरणा,कोरोना काल मे भी सेवा में पीछे नही हटे ये युवा
बालोद । बालोद नगर में एक संस्था ऐसी है जो हर वर्ष गर्मी के दिनों में पशु पक्षियों के लिए दाना पानी हेतु चिंता कर निरन्तर अपने पथ पर आगे बढ़ रहे हैं ये युवा कोरोना के भीषण भयावह काल मे भी अपने जीवन की परवाह ना कर प्रशासन से अनुमति लेकर शहर में घूमने वाले पशुधन के लिए दाना पानी देते दिखाई देते थे मिशन जीवदया को लेकर काम करने वाले इस संस्था का नाम है जैन युवा शक्ति जो अपने सेवाभावी कार्यो से जानी और प्रदेश में पहचानी जाती है।
जैन युवा शक्ति के इन कार्यो की प्रशंसा पूर्व पुलिस अधीक्षक आरिफ शेख भी कर चुके हैं जिन्होंने इनके कार्यो के लिए इन्हें बधाई देकर हरसंभव मदद की घोषणा भी की थी इन युवाओं को इन सब कार्य की प्रेरणा सामाजिक संस्कार से मिला है। वैसे भी जैन समाज अहिंसा का पुजारी समाज है और सेवाभावना इस समाज मे कुटकुट कर भरा है बालोद जैन समाज सेवाभावना में ऐसे बड़े बड़े कार्य किये हैं जो एशिया में जाना गया था जी हां बात है सन 1980 के दशक की जब बालोद जैन समाज ने एशिया का सबसे बड़ा पोलियो सर्जिकल कैम्प करवा कर अनेक लोगो की जिंदगी में खुशहाली लाई थी समाज के इस कार्य मे सिर्फ जैन समाज के लोगो का ही सहयोग नही रहा वरण हर समाज मे सामाजिक कार्य के लिए आगे रहने वाले लोगो का भी भरपूर सहयोग रहा वैसे ही लगातार 15 वर्षो तक निशुल्क नेत्र शिविर करवाकर हजारो लोगो को नई रौशनी देने का काम भी हुआ, यहीं से प्रेरणा लेकर समाज के युवाओं ने मिशन जीवदया चलाया जो लगातार नित नए सोपानों को छू रहा है गर्मी के दिन प्रारम्भ हो रहे हैं।
लोग अपने घरों में आसानी से ठंडे पानी पी लेते है, पर उन मूकबधिर पशुओं का क्या हाल होता होगा जब उन्हें भीषण गर्मी और सुनसान सड़को पर पानी नही मिलता भीषण गर्मी के चलते पक्षियों के भी प्यास और भूख से मौत हो जाती है। इन्ही सब को देखते हुए जैन युवा शक्ति के सदस्य लगभग 8 वर्षो से हर वर्ष गायो के पानी पीने हेतु कोठना की व्यवस्था कर शहर के प्रमुख जगहों पर लोगो से बात कर रखवा रही है। जैन युवा शक्ति के अध्यक्ष समकित सांखला ने बताया कि आने वाले दिनों में हर घर मे पक्षियों के दाना पानी हेतु सकोरे भी बांटे जाएंगे ताकि लोग अपने अपने छतों में दाना पानी रख सके इससे किसी पक्षी की भूख या प्यास से मौत ना हो ठीक उसी तरह जैन युवा शक्ति के सदस्य प्रति सोमवार को शहर के तालाबो में जाकर मछलियों के लिए भी दाना देते हैं। विशेष महोत्सव के दिनों में गौशाला में पशुधन को चारा देते हैं बाकी के दिनों में भी सेवा देते हैं धन्य है ऐसे युवाओ को जो मूकबधिर पशुपक्षियों की चिंता करते हैं।