रायपुर। छत्तीसगढ़ में बेरोजगारों के सर्वे के मुद्दे पर गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान हंगामेदार बहस हुई. इस चर्चा में विधानसभा स्पीकर डॉ. चरणदास महंत और सीएम भूपेश बघेल भी शामिल हुए. उन्होंने मंत्री उमेश पटेल को रोजगार पंजीयन कार्यालयों को वेल इक्विप्ड करने के निर्देश दिए. हालांकि सरकार की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने और युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाकर नारेबाजी करते हुए विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया.
विधायक अजय चंद्राकर ने सीएमआईई के आंकड़ों के आधार पर सवाल किया कि क्या सरकार इसे मान्यता देती है. मंत्री ने अपने जवाब में बताया कि इसे सरकार मान्यता नहीं देती, लेकिन केंद्र सरकार की संस्था एनएसएसओ द्वारा पिछले 9 साल से आंकड़े नहीं जारी किए जा रहे हैं, इसलिए प्राइवेट संस्था द्वारा जो रिपोर्ट जारी की गई है, उसे शामिल किया गया. शिवरतन शर्मा ने आरोप लगाया कि बोगस सर्टिफिकेट के लिए दो करोड़ का विज्ञापन दिया गया है.