धार. अमिताभ बच्चन और रानी मुखर्जी की फिल्म बाबुल तो आप सबको याद होगी. मध्य प्रदेश के धार जिले में भी बाबुल फिल्म की स्टोरी हकीकत में बदली. यहां एक सास ससुर ने अपनी जवान विधवा बहू के हाथ पीले कर कन्यादान किया. बेटे की दो साल पहले मौत हो गयी थी.
धार के एक छोटे से गांव खुटपला में सास ससुर ने अनूठी मिसाल पेश की. अपने बेटे की मौत के बाद उन्होंने बहू का फिर से नया घर संसार बसा दिया. हीरालाल के 30 वर्षीय बेटे सुनील की दो साल पहले मौत हो गई थी. उसके बाद से ही परिवार में मातम पसरा हुआ था और पूरा परिवार गम में डूबा हुआ था. जवान बेटे की मौत से पूरे परिवार के हाल बेहाल हो चुके थे और सबसे ज्यादा धक्का सुनील की पत्नि सीमा को लगा.
ससुर ने बसाया बहू का नया संसार
समय के पहिये ने सुनील के दूर जाने के घाव पर मल्हम फेरी और परिवार उससे उबरने की कोशिश करने लगा. फिर एक दिन सीमा के ससुर ने बहू से दूसरा विवाह करने की इच्छा पूछी. पहले तो सीमा ने मना कर दिया. बाद में परिवार के समझाने पर वो दूसरे विवाह के लिये तैयार हो गई. ससुरालवालों ने लड़का ढूंढ़ना शुरू किया और जल्द ही उन्हें बडवानी में अपनी बहू सीमा के लिए एक योग्य लड़का मिल गया. तलवाडा में रहने वाले नैमीचंद से सीमा का विवाह तय कर दिया गया.