रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के 14वें दिन विपक्ष ने सीएसआर मद से खर्च और उसमें अनियमितता का मामला प्रश्नकाल में उठाया. सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच नोक-झोंक हुई. मंत्री के जवाब से असंतुष्ट भाजपा विधायकों ने वॉकआउट किया.
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने सीएसआर मद से खर्च और उसमें अनियमितता का मामला प्रश्नकाल में उठाया. नेता प्रतिपक्ष ने पूछा कि सीएसआर मद में कितनी राशि प्राप्त हुई और कितनी खर्च हुई? मंत्री कवासी लखमा के गैरमौजूदगी में मंत्री मोहम्मद अकबर ने दी बताया कि राशि का डिटेल दिया हुआ है. अगर कोई उद्योग सीएसआर मद का पैसा नहीं देती तो उनसे देने का अनुरोध किया जाता है. उसपर दबाव नहीं बनाया जा सकता.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ओडिशा सरकार ने सीएसआर मद के खर्च के लिए नीति बनाई है? यहां क्यों नीति नहीं है? मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि ओडिशा की नीति की जानकारी मंगा कर उस पर विचार किया जाएगा. बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि जिसने सीएसआर मद में पैसा नहीं दिया, उसपर क्या कार्रवाई हुई? मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि कंपनी एक्ट के तहत कार्रवाई होती है, बकाया राशि लेने सिर्फ अनुरोध किया जा सकता है. राज्य सरकार को कार्रवाई का अधिकार नहीं है. भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि सीएसआर की 40 से 50 प्रतिशत राशि राज्य सरकार ले लेती है और ज्यादातर राशि का दुरुपयोग करती है.
सत्ता पक्ष के विधायक शैलेश पांडेय ने कहा कि क्या प्रदेश सरकार ऐसा कानून बना सकती है कि सीएसआर मद की राशि खर्च करने का अधिकार विधायकों को हो. मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि ऐसी व्यवस्था नहीं है. विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने कहा कि मंत्री लिस्ट प्राप्त कर लें और जानकारी दें कि किस संस्थान से कितनी राशि इस मद में आई. नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहाकि कलेक्टर सीएसआर का पैसा वसूलता है, वो पैसा सरकार को भेजता है, और अपनी मर्जी से खर्च करता है. यहां के संसाधनों का उपयोग उद्योग करते हैं. सीएसआर की लूट बंद होनी चाहिए.