उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. यूपी निकाय चुनाव को सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने OBC आरक्षण के साथ निकाय चुनाव कराने की इजाजत दी है और सुप्रीम कोर्ट ने OBC आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार किया है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को निकाय चुनाव का नोटिफिकेशन जारी करने की इजाजत दी है.
वहीं यूपी सरकार ने कहा अगर कोर्ट इजाजत देता है तो वह दो दिन के भीतर चुनाव का नोटिफिकेशन जारी कर सकती है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि 28 दिसंबर 2022 को OBC आयोग का गठन किया गया था, इस मामले को लेकर 7 मार्च 2023 को आयोग ने अपनी रिपोर्ट दी.
इससे पहले निकाय चुनाव को लेकर पिछड़ों का आरक्षण तय करने के लिए गठित उप्र राज्य समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग ने निकायवार ओबीसी की आबादी की राजनीतिक स्थिति के आकलन के आधार पर आरक्षण की सिफारिश की थी. इसके लिए 1995 के बाद हुए निकायों के चुनाव के परिणामों को आधार बनाया गया. प्रदेश के सभी निकायों के परीक्षण के बाद आयोग ने 20 से 27 प्रतिशत की रेंज में अलग-अलग निकायों के लिए अलग-अलग आरक्षण देने की सिफारिश की.
निकाय चुनाव के लिए बसपा ने बनाई ये रणनीति
इसके साथ ही निकाय चुनाव की तैयारी को लेकर सभी पार्टी अपनी रणनीति बनाने में जुट गई हैं. बसपा ने पहले ही साफ कर दिया है कि निकाय चुनाव की तैयारी में पार्टी के सभी 10 सांसदों को बसपा सक्रिय करेगी. बसपा सुप्रीमो मायावती जल्द बैठक करके इन सांसदों को जिम्मेदारियां सौंपेंगी. इन सांसदों की दिल्ली में बैठक हो सकती है.
इन सांसदों को कैडर के अलावा अन्य वर्ग के युवाओं को जोड़ने की जिम्मेदारी दी जाएगी.