चंडीगढ़. पिछले 16 दिनों से अर्धसैनिक बल और पंजाब पुलिस खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) की तलाश कर रही है. लेकिन दोनों के पास ठिकानों के बाद में सुराग हाथ लगने के अलावा कुछ नहीं है. सरकार और पंजाब पुलिस ने अब अमृतपाल की तलाश करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों की मदद मांगी है. इसी बीच एक नई जानकारी सामने आई है कि अमृतपाल किसी धार्मिक स्थल पर छिपा हुआ हो सकता है, क्योंकि अमृतपाल द्वारा जारी किए गए एक वीडियो में भजन कीर्तन की आवाजें आ रही हैं. जिसके चलते अब पुलिस ने धार्मिक स्थलों पर तलाशी तेज कर दी है.
इसके अलावा अब यह भी पता चला है कि अमृतपाल सिंह का प्रमुख सहयोगी पपलप्रीत सिंह उस जगह से सिर्फ 2 किमी दूर एक जगह पर लगभग 10 घंटे तक छिपा रहा, जहां उन्हें शाम 28 मार्च को रोका गया था. दि ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 28 मार्च को होशियारपुर के मरनियां गांव और उसके आसपास दोनों को पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी ली गई थी, वहीं पपलप्रीत सिंह मुश्किल से 2 किमी दूर तनौली गांव के एक डेरे में चुपचाप छिपा हुआ था.
लिस और अर्धसैनिक बल तीन दिनों से अधिक समय तक घटनास्थल पर बड़ी संख्या में तैनात रहे, लेकिन पपलप्रीत सिंह को खोजने में विफल रहे. मामले पर नजर रखने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि पपलप्रीत सिंह रात में लगभग 4-5 किमी दूर एक नलकूप के पास छिप गया और सुबह गांव के डेरे पर आ गया था. अधिकारी ने कहा कि डेरे के लोगों को उस पर भगोड़ा होने का संदेह नहीं था और उन्होंने वहां उसकी आवाजाही पर कोई ध्यान नहीं दिया.
सूत्रों ने कहा कि अमृतपाल सिंह और उसका साथी चरणजीत सिंह एक स्विफ्ट कार में मौके से फरार हो गए थे, लेकिन पुलिस अब तक उसका पता नहीं लगा पाई है. चरणजीत सिंह बाद में दूसरे रास्ते से चला गया और पकड़ा गया. उसने पुलिस को बताया कि एक अन्य आरोपी जोगा सिंह ने साहनेवाल में एक मोबाइल की दुकान से एक नया सिम खरीदा था, जहां से पुलिस ने बाद में सीसीटीवी फुटेज कल जारी किया. इस बीच पुलिस ने आगे की सुराग हासिल करने के लिए होशियारपुर के हरखोवाल, ढक्कोवाल, पंडोरी बीबी, अटोवाल, काहरी-सहरी, मोना कलां, मोना खुर्द, भुंगरनी, फुगलाना, मुखलियाना, मोरांवाली और नडालॉन सहित डेरों के सीसीटीवी फुटेज की जांच की है.