रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से ठीक 7 महीने पहले कांग्रेस में बड़े बदलाव की चर्चा छिड़ गई है। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, मंत्री टीएस सिंहदेव, ताम्रध्वज साहू और चरणदास महंत जब एक साथ दिल्ली में हों तब जाहिर है कि ऐसी चर्चाएं जरूर होंगी क्योंकि सत्ता और संगठन के बीच तालमेल में कमी और असहमतियों की बात कई दफे उभरकर सामने आ चुकी है।अब ऐसे में कहा जा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस में बड़ा बदलाव कभी भी हो सकता है। आज आनन-फानन में बस्तर के सांसद दीपक बैज को दिल्ली बुलाना इस पूरी संभावना को पुख्ता कर रहा है।
प्रदेश में जहां सत्ता की कमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हाथों में है तो वही संगठन मोहन मरकाम के हाथ है। साल 2018 में सरकार बनने के बाद जब तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री की कुर्सी सम्भाली तभी से नए अध्यक्ष की तलाश होने लगी। इसके लिए उस समय मनोज मंडावी, रामपुकार सिंह और अमरजीत भगत जैसे नेताओं के नाम सामने आये लेकिन मोहन मरकाम के सहज और सरल आदिवासी चेहरे ने बाजी मार ली। लोकसभा चुनाव के बाद 28 जून 2019 को मोहन मरकाम को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया।