रायपुर। प्रभु यीशु मसीह के बलिदान का पर्व गुड फ्राइडे यानी पुण्य शुक्रवार आज भक्ति भाव और पूर्ण संजीदगी से मनाया गया। इस मौके पर मसीही जनों ने प्रभु यीशु के त्याग और बलिदान का स्मरण किया। जो उन्होंने मानव जाति के पापों के खातिर अपनी जान कुर्बान की। उन्होंने पूरे संसार को मुक्ति का मार्ग दिखाया मोक्ष प्रदान किया । इस अवसर पर राजधानी रायपुर समेत छत्तीसगढ़ की सभी गिरजाघर में क्रूस पर से प्रभु यीशु मसीह द्वारा कहे गए साथ वचन ऊपर धर्मगुरुओं ने प्रवचन किया। सेंट पॉल कैथेड्रल में दिल्ली के बिशप पॉल स्वरुप और छत्तीसगढ़ डायोसिस के बिशप अजय उमेश जेम्स ने इन साथ वाणी ऊपर मनन कराया। इसके अलावा सेंट जोसेफ महा गिरजाघर बैरन बाजार में आज आर्च बिशप विक्टर हेनरी ठाकुर की अगुवाई में आराधना हुई इसके बाद प्रभु यीशु के बलिदान को प्रदर्शित करता हुआ जुलूस भी निकाला गया जिसने शहर के प्रमुख मार्गो का भ्रमण किया। मसीही जनों ने उपवास रखें और प्रार्थना की। जॉन राजेश पॉल ने बताया कि शनिवार को मौन दिवस, शांति और प्रार्थना का दिन है। इसके बाद रविवार को इस्तर पर्व मनाया जाएगा जो प्रभु विश्व मसीह के मृत्यु पर विजय का पर्व होगा। इस दिन बड़ी भोर को कब्र स्थानों में लोग अपने पुरखों को श्रद्धांजलि देंगे इसके बाद चर्च में त्यौहार की विशेष आराधना होगी। इस अवसर पर धर्मगुरु, डायसिस के सचिव नितिन लॉरेंस, कोषाध्यक्ष अजय जॉन, चर्च कमेटी, युवा सभा, महिला सभा, सन्डे स्कूल और क्वायर के सदस्य उपस्थित थे।
– सात वाणी……………पहली वाणी, हे पिता ने क्षमा कर क्योंकि यह नहीं जानते कि क्या कर रहे हैं। दूसरी वाणी, आज ही तू मेरे साथ स्वर्ग लोक में होगा। तीसरी वाणी, हे नारी देख यह तेरा पुत्र है। पुत्र से, यह तेरी माता है। चौथी वाणी, हे मेरे परमेश्वर हे मेरे परमेश्वर तू ने मुझे क्यों छोड़ दिया। पांचवी वाणी, मैं प्यासा हूं। छटवीं वाणी, पूरा हुआ। सातवीं वाणी ,हे पिता मैं अपनी आत्मा आपके हाथ में सोचता हूं। 0 बाइबल में इस तरह है सच्ची घटना जा जिक्र। … यीशू मसीह ने गुड फ्राइडे के पवित्र दिन धरती पर रहने वाले प्रत्येक मनुष्य की स्वतंत्रता हेतु सलीब पर लटक कर कुर्बानी दी, जिसके बारे में हजारों वर्ष पूर्व नबियों द्वारा लिखित पवित्र बाइबल में भविष्यवाणी की गई थी। प्रभु यीशू ने भी सलीबी मौत से पहले ही, जो कुछ उस समय उनके साथ होना था, उसके विषय में शिष्यों को बता दिया था। उन्होंने कहा था कि उनके 12 शिष्यों में से ही एक उनको पकड़वाएगा।
उनके वचन के अनुसार 12 शिष्यों में से यहूदा इस्करियोती, जिसे यीशू बहुत प्यार करते थे, ने 30 सिक्कों के लालच में यीशू को पकड़वा दिया। यीशू के रूहानी उपदेश उस समय के प्रधान याजक तथा धर्म के ठेकेदारों की समझ से बाहर होने के कारण वे उनसे भयभीत थे। उन्होंने एक षड्यंत्र के द्वारा यीशू को हाकिम पीलातुस की अदालत में पेश करके उन पर यहूदियों का बादशाह कहलाने का दोष लगाया।
जब पीलातुस ने यीशू से उन पर लगाए गए आरोपों का स्पष्टीकरण मांगा, और जब पीलातुस ने यीशू में कोई दोष न पाया तो प्रधान याजक ने उन पर परमेश्वर का पुत्र कहलवाने का आरोप लगाया। यीशू ने इसका स्पष्टीकरण नहीं दिया, चुप रहे। पीलातुस ने यीशू को चुप देखकर कहा कि तू नहीं जानता कि यह मेरे वश में है कि मैं तुझे छोड़ दूं या सलीब दे दूं। तब यीशू ने पीलातुस को उत्तर दिया कि अगर तुझे ऊपर से अधिकार न दिया जाता तो मुझ पर तेरा कोई वश न चलता।
इस पर पीलातुस ने प्रधान याजकों, सरदारों तथा लोगों के समूह को बुला कर कहा, देखो, मैंने तुम्हारे सामने यीशू से पूछताछ की है, जो आरोप तुमने उस पर लगाए, वे सही नहीं पाए गए, इसलिए मैं यीशू को कोड़े मारकर छोड़ दूंगा। इस पर यहूदी शोर मचाकर कहने लगे कि अगर तूने यीशू को छोड़ दिया तो तू कैसर का मित्र नहीं। हरेक, जो अपने आपको बादशाह कहता है, वह कैसर के विरुद्ध बोलता है।
तब पीलातुस ने प्रधान याजकों और लोगों को राजी करने के इरादे से यीशू को कोड़े मारकर सलीब देने के लिए याजकों के हवाले कर दिया। जब दोपहर हुई तो सारी धरती पर अंधकार छा गया और तीसरे पहर तक रहा तो यीशू ऊंची आवाज में बोले, एली-एली लमा शबक्तनी (हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर तूने मुझे क्यों छोड़ दिया)।