सिद्धू के जेल से छूटते ही गरमाई पंजाब की राजनीति, क्या BJP में शामिल होंगे चरणजीत सिंह चन्नी?

चंडीगढ़. कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के जेल से बाहर आते ही एक बार फिर पंजाब कांग्रेस की भीतरी राजनीति गर्माने लगी है. पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं. सूत्रों ने न्यूज 18 को बताया कि उन्होंने पंजाब में कुछ भाजपा नेताओं से मुलाकात की, यहां तक कि कांग्रेस ने उन्हें शांत रखने की कोशिश की है. यह अफवाह ऐसे समय में सामने आई है जब पूर्व पीसीसी प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू जमानत के बाद पटियाला जेल से बाहर आ गए हैं.

पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस की करारी हार के बाद चन्नी राजनीतिक सुर्खियों से गायब हो गए थे, जिसमें आम आदमी पार्टी (आप) को भारी जनादेश मिला था. भ्रष्टाचार के मामलों में अपने भतीजे की गिरफ्तारी के बाद भी उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ा था. हालांकि, पंजाब के दिवंगत गायक सिद्धू मूसे वाला के गांव का औचक दौरा कर पूर्व मुख्यमंत्री राज्य की राजनीति में फिर से सक्रिय होने के संकेत दिए थे. चन्नी को राहुल गांधी की विदेश यात्रा से लौटने के बाद राजस्थान में भी उनकी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में देखा गया था. उन्होंने प्रियंका गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से भी मुलाकात की थी.

भारत जोड़ो यात्रा में सक्रिय थे चन्नी
चन्नी के भारत जोड़ो यात्रा में एक्टिव होने पर कई लोगों का मानना है कि यह सोच-समझकर उठाया गया कदम था, जिससे पार्टी में उनके विरोधियों को यह संदेश गया कि वह अभी भी पार्टी के लिए महत्वपूर्ण रूप से काम कर रहे हैं. यहां तक कि पंजाब लौटने के बाद भी, उन्होंने मूस वाला परिवार से मिलने का फैसला किया. कई लोगों का मानना है कि चन्नी का यह कदम रणनीतिक रूप से उनके लिए उपयुक्त था.

जालंधर संसदीय उपचुनाव में सक्रिय रखने की कोशिश
कांग्रेस अब जालंधर संसदीय उपचुनाव में प्रचार के लिए पूर्व मुख्यमंत्री को साथ लाने की कोशिश कर रही है. पार्टी अलग-अलग आवाज उठाने वाले नेताओं के बीच सुलह कराने की कोशिश भी कर रही है. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, सीएम के रूप में अपने संक्षिप्त कार्यकाल के दौरान, चन्नी रविदासिया/आदि-धर्मी समुदाय में एक अच्छा समर्थन आधार अर्जित करने में कामयाब रहे, जिनकी सीट पर मजबूत उपस्थिति है. चन्नी फैक्टर ने दोआबा क्षेत्र में कुछ सीटों पर काम किया और जालंधर निर्वाचन क्षेत्र के नौ विधानसभा क्षेत्रों में से पांच में कांग्रेस पार्टी की जीत में योगदान दिया.

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