नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की घटना के बाद गृह मंत्रालय ने पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर बड़ा कदम उठाया है. गृह मंत्रालय ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर यानि एसओपी बनाने का फैसला किया है. दरअसल, अतीक और अशरफ की हत्या करने वाले हमलावर पत्रकार बनकर मीडियाकर्मियों के बीच में घुस गए थे और मौका देखते ही वारदात को अंजाम दे दिया. एसओपी के तहत मीडिया कवरेज के दौरान पत्रकारों को शासन से व्यापक सुरक्षा मिल सके और कुछ सुरक्षा के ऐसे मापदंड होंगे, जिनका उनको पालन करना होगा.
गृह मंत्रालय द्वारा तैयार किए जा रहे यह स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर सारे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन के लिए होगा. सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में और गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए एसओपी तैयार करेगा. उन्होंने बताया कि प्रयागराज में पत्रकार बनकर आए तीन हमलावरों द्वारा अतीक और उसके भाई अशरफ की हत्या किए जाने के बाद यह कदम उठाया जा रहा है. अहमद और अशरफ की शनिवार रात को उस समय हत्या कर दी गई थी, जब वे पत्रकारों से बात कर रहे थे.
इस दौरान, दोनों भाइयों को करीब से गोली मार दी गई थी. यह घटना तब हुई, जब अतीक और अशरफ को पुलिसकर्मी चिकित्सा जांच के लिए एक मेडिकल कॉलेज लेकर जा रहे थे. अतीक और अशरफ की हत्या के बाद पूरे प्रदेश में धारा 144 लगाई गई है. साथ ही पुलिस-प्रशासन अलर्ट मोड पर है.
गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद (60) और उसके भाई अशरफ अहमद की शनिवार रात हुई हत्या के मामले में पुलिस ने रविवार की सुबह तीन आरोपियों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की. पुलिस ने बताया कि प्रयागराज के धूमनगंज थाना प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) राजेश कुमार मौर्य ने शाहगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई. दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, अतीक अहमद और अशरफ की हत्या में लवलेश तिवारी (बांदा), मोहित उर्फ सनी (हमीरपुर) और अरुण मौर्य (कासगंज-एटा) के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.