नई दिल्ली: सूडान में भारतीयों से संबंधित स्थिति की समीक्षा के लिए पीएम नरेंद्र मोदी एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे. न्यूज एजेंसी एएनआई ने पीएमओ सूत्रों के हवाले से इस बारे में जानकारी दी. सूडान में वहां की रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) और सूडान आर्म्ड फोर्सेज (SAF) के बीच भयंकर सशस्त्र संघर्ष चल रहा है. इसका असर वहां रह रहे भारतीयों पर भी पड़ रहा है. सूडान के दो सशस्त्र बलों के बीच इस आतंरिक युद्ध के कारण कई भारतीय वहां फंस गए हैं. सूडान स्थित भारतीय दूतावास ने नागरिकों से अगली सूचना तक सुरक्षित जगहों पर आश्रय लेने का आग्रह किया है.
विदेश मंत्री (EAM) एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा था कि सरकार सूडान में फंसे भारतीयों के साथ लगातार संपर्क में है, जहां सूडान के सेना प्रमुख अब्देल फत्ताह अल-बुरहान और उनके डिप्टी मोहम्मद हमदान डागलो के वफादार बलों के बीच लड़ाई जारी है. मोहम्मद हमदान डागलो सूडान के अर्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) के चीफ हैं. सैन्य और राजनीतिक संकट के बीच सूडान में बड़ी संख्या में भारतीय फंसे हुए बताए जा रहे हैं, हालांकि उनकी संख्या के बारे में सरकार की ओर से अब तक कोई जानकारी नहीं दी गई है.
अल अरेबिया न्यूज चैनल के मुताबिक सूडानी सेना और प्रतिद्वंद्वी अर्धसैनिक समूह रैपिड सपोर्ट फोर्स के बीच 7वें दिन भी भयंकर लड़ाई जारी रहने के दौरान शुक्रवार को खार्तूम में गोलियों और विस्फोटों की आवाज सुनी गई. डब्ल्यूएचओ ने युद्ध के पांचवें दिन यानी मंगलवार तक सूडान में जारी इस गृह युद्ध के कारण 270 मौतों की बात कही थी, जबकि घायलों की संख्या 2600 से ज्यादा बताई थी. रैपिड सपोर्ट फोर्स ने दावा किया कि वह ‘अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय समझ’ के आधार पर शुक्रवार से शुरू होने वाले रमजान के अंत को चिह्नित करने वाली ईद की छुट्टी के लिए तीन दिवसीय युद्धविराम लागू करेगी. संघर्ष विराम की घोषणा पर सूडीनी सेना की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई.
इससे पहले, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि चिंताओं को अधिक कुशलता से दूर करने के लिए नई दिल्ली में एक नियंत्रण कक्ष भी खोला गया है. बागची ने बताया, ‘हमने सूचना और सहायता प्रदान करने के लिए एक 24×7 समर्पित नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है.’ सूडान में जारी यह हिंसा देश के सैन्य नेतृत्व के भीतर एक शातिर सत्ता संघर्ष का प्रत्यक्ष परिणाम है. इस हिंसा में एक भारतीय नागरिक की जान भी जा चुकी है. अरिंदम बागची ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि नई दिल्ली सूडान के घटनाक्रम पर कड़ी नजर रख रही है और प्रासंगिक देशों के साथ संपर्क में है. उन्होंने कहा कि भारतीय नगारिकों की सूडान से सुरक्षित निकासी की कोई भी योजना जमीनी स्थितियों पर निर्भर करेगी.