समीर वानखेड़े के समर्थन में उतरे रामदास अठावले, बोले- समीर दलित परिवार से, आरक्षण लेने का है अधिकार

मुंबई क्रूज ड्रग्स मामले को लेकर एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े पर महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक लगातार आरोप लगा रहे हैं. नवाब मलिक का आरोप है कि समीर वानखेड़े अनुसूचित जाति से नहीं है. इसे लेकर रिपब्लिकन पार्टी के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले, समीर वानखेड़े के समर्थन में उतर आए हैं. वहीं, मंत्री रामदास आठवले के बयान के बाद समीर वानखेड़े की पत्नी क्रांति रेडकर वानखेड़े और उनके पिता ज्ञानदेव वानखेड़े का भी बयान आया है.

ऑफिसर समीर वानखेड़े के बचाव में आए केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा, “मैं नवाब मलिक से कहना चाहता हूं कि समीर वानखेड़े और उनकी फैमिली को बदनाम करने की साजिश को बंद कर दें. अगर वे कहते हैं कि समीर मुस्लिम हैं, तो फिर वे मुसलमान पर आरोप क्यों लगा रहे हैं.” आठवले ने कहा कि समीर वानखेड़े के साथ रिपब्लिकन पार्टी खड़ी है, समीर को कोई नुकसान नहीं होगा.

 

केंद्रीय मंत्री आठवले ने कहा, “समीर वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े ने हमें डॉक्यूमेंट दिखाए कि उनकी पत्नी मुसलमान थीं, वह महार जाति के हैं. इससे जुड़े डॉक्यूमेंट भी उन्होंने हमें दिखाए हैं. समीर वानखेड़े पर जिस तरह से आरोप लग रहे हैं, ऐसे में उन्होंने मदद की मांग की है, जिसके लिए पिता ज्ञानदेव वानखेड़े और समीर की पत्नी क्रांति यहां पर आए हैं. समीर वानखेड़े दलित परिवार के हैं उन्हें आरक्षण लेने का अधिकार है. आरक्षण के माध्यम से आईआरएस बने हैं.”

 

वहीं, समीर वानखेड़े की पत्नी क्रांति रेडकर वानखेड़े ने कहा, “हम आज यहां आए, रामदास अठावले ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मलिक एक दलित की सीट छीन रहे हैं. अठावले हमारे साथ खड़े हैं, क्योंकि वे हर दलित की परवाह करते हैं. नवाब मलिक के अब तक के सारे आरोप झूठे साबित हुए हैं.”

 

समीर वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े ने कहा, “नवाब मलिक कहते हैं कि हमने एक दलित का हक छीन लिया. हम खुद दिलत हैं. अगर आपको कुछ कहना है, तो कोर्ट जाइए. सिर्फ इसलिए आरोप लगा रहे हैं कि मेरे बेटे ने उनके दामाद को गिरफ्तार किया है. मेरा बेटा और मैंने कभी धर्म-परिवर्तन नहीं किया. आरोप झूठे हैं.”

 

वहीं, बीते दिन यानी शनिवार को नवाब मलिक के लगाए आरोप को लेकर एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े अनुसूचित जाति आयोग पहुंचे और अपने खिलाफ हो रही बयानबाजी की शिकायत की. वहां उन्होंने अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष से मुलाकात की और अनुसूचित जाति से होने के सबूत पेश किए.

 

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