पुणे. भारत की आबादी अब चीन से भी आगे बढ़ गई है. भारत की जनसंख्या 142.86 करोड़ रिकॉर्ड की गई है जबकि चीन की आबादी 142.57 करोड़ दर्ज की गई है. भारत की बढ़ती आबादी को रोकने के लिए अब बहस शुरू हो गई है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के वरिष्ठ नेता अजीत पवार ने कहा है कि दो से अधिक संतान वाले लोगों को किसी प्रकार की छूट नहीं दी जानी चाहिए और यहां तक कि ऐसे सांसदों-विधायकों को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य भी ठहराया जाना चाहिए. अजीत पवार ने रविवार को बारामती में एक समारोह में कहा कि भारत ने जनसंख्या वृद्धि (Population of India) के मामले में चीन को पीछे छोड़ दिया है.
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता अजीत पवार ने कहा कि मेरे दादा जी मुझे बताया करते थे कि जब हमें आजादी मिली थी, तब हमारी जनसंख्या 35 करोड़ थी और अब यह 142.86 करोड़ पर पहुंच चुकी है. इसके लिए हम सभी जिम्मेदार हैं.
अजीत पवार ने कहा कि दो दिन पहले उन्होंने एक साक्षात्कार में इस बात पर जोर दिया था कि सभी राजनीतिक दलों को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारे देश, राज्य, जिले और क्षेत्र की बेहतरी के लिए हरेक व्यक्ति को एक या दो बच्चों के बाद रुक जाना चाहिए. अजीत पवार ने कहा कि अब से ऐसे लोगों को किसी प्रकार की छूट नहीं दी जानी चाहिए, जिनके दो से अधिक बच्चे हैं.
उन्होंने कहा कि जब विलासराव देशमुख मुख्यमंत्री थे, तो हम यह निर्णय लेते समय डरे हुए थे कि तीन संतान वाले उम्मीदवार ग्राम पंचायत, जिला परिषद और तालुका पंचायत के स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य होंगे.
अजीत पवार ने कहा कि लोग पूछते हैं कि सांसदों और विधायकों के संबंध में भी इसी तरह का निर्णय क्यों नहीं लिया गया. मैं उनसे कहता हूं कि यह हमारे हाथ में नहीं है. यह केंद्र के हाथ में है और हमारी मांग है कि केंद्र को ऐसा करना चाहिए. राकांपा नेता ने कहा कि यदि लोगों को कोई छूट नहीं दी जाएगी तो वे इस मुद्दे के बारे में अधिक जागरूक हो जाएंगे.
बता दें कि जनसंख्या के मामले में भारत ने चीन को पछाड़ दिया है. भारत की आबादी 142.86 करोड़ हो गई है जबकि चीन 142.57 करोड़ के जनसंख्या के साथ अब भारत से पीछे है. देश में तेजी से बढ़ती आबादी का यह बड़ा नतीजा सामने आया है कि भारत चीन से आगे निकल गया है.
इस बीच देखा जाए तो संयुक्त राष्ट्र के विश्व जनसंख्या ‘डैशबोर्ड’ (मंच) के मुताबिक चीन की आबादी 142.57 करोड़ है. संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) की नई रिपोर्ट के अनसार, भारत की 25 प्रतिशत जनसंख्या 0-14 (वर्ष) आयु वर्ग की, 18 प्रतिशत 10 से 19 आयु वर्ग, 26 प्रतिशत 10 से 24 आयु वर्ग, 68 प्रतिशत 15 से 64 आयु वर्ग की और सात प्रतिशत आबादी 65 वर्ष से अधिक आयु की है. विभिन्न एजेंसियों के अनुमानों के अनुसार, भारत की आबादी करीब तीन दशकों तक बढ़ते रहने की उम्मीद है. यह 165 करोड़ पर पहुंचने के बाद ही घटना शुरू होगी.