माता पिता ,गुरु का चरण एक ऐसी पूंजी है जो जिंदगी सवार देती है : पं प्रदीप मिश्रा

राजनांदगांव। जयंती स्टेडियम भिलाई में जीवन आनंद फाउंडेशन एवं श्री राम जन्मोत्सव समिति के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित श्री एकांतेश्वर शिव महापुराण कथा के दूसरे दिन भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा में राजनांदगांव ज़िला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि घासी राम साहू, रुपेन्द्र साहू ,सहित बड़ी संख्या में राजनांदगांव जिले के भक्त जन शामिल हुए और भगवान शिव के प्रति अपनी आस्था एवं भक्ति का विराट रूप दिखाया ।जयंती स्टेडियम में कथा आज दोपहर 2 बजे शुरू हुई लेकिन लोग यहां पहले से डेरा जमाए बैठे थे।

भिलाई की पावन धरा पर शिव महापुराण कथा का भव्य आयोजन हो रहा है विश्व प्रसिद्ध पंडित प्रदीप मिश्रा शिव महापुराण की कथा सुनाते हैं आज आयोजन के दूसरे दिन भव्य पूजा आरती की गई और हर-हर महादेव के जयकारे के साथ कथा शुरू की गई ,इस पावन अवसर पर राजनांदगांव जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि घासी राम साहू ,रूपेंद्र साहू सहित कथा स्थल पर पहुंचे जहां उन्होंने बाबा भोलेनाथ को प्रणाम किया और विश्व प्रसिद्ध है कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के दर्शन करते हुए उन्हें प्रणाम किया उसके बाद श्री एकांतेश्वर शिव महापुराण की कथा सुनी। इस दौरान लाखों की संख्या में भक्तगण उपस्थित रहे। राजनांदगांव जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि घासी राम साहू का कहना है कि हम सबके लिए बड़े ही सौभाग्य की बात है कि राजनांदगांव शहर के लोग भी भिलाई शहर में शिव महापुराण कथा सुनने बड़ी संख्या में लोग आए हुए हैं और छत्तीसगढ़ की भिलाई की पावन धरा पर पंडित प्रदीप मिश्रा का आगमन भी हम सबके लिए बहुत ही हर्ष की बात है उनके मुख से श्री कथा सुनने का अवसर भी सौभाग्य से प्राप्त हुआ है कथा को सुनने के लिए दूसरे दिन लाखों की संख्या में भक्तों का जमावाड़ा रहा।
विश्व विख्यात पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने व्यासपीठ से कथा प्रसंग में कहा कि बड़े भाग्यशाली हैं भिलाई छत्तीसगढ़ के निवासी जो भगवान शिव की शिव महापुराण की कथा सुनने का सौभाग्य मिला है शिव महापुराण की कथा भक्ति और मुक्ति कि यह पावन कथा संपूर्ण जगत का कल्याण करने वाली है जगत का उद्धार करने वाली है। पंडित मिश्रा जी ने कथा प्रसंग में आगे कहा कि शिव महापुराण मे एवं अन्य पुराणों में पांच महापापों का कथा बताते हुए कहा कि यह पांच महापाप है जिसमें पहला है बाल हत्या ,दूसरे नंबर का पाप है पर नारी का संग करना, तीसरे नंबर का पाप है स्वर्ण की चोरी करना महापाप की गिनती में आता है, चौथे नंबर का पाप है किसी के घर में आग लगा देना और पांचवें नंबर का महापाप है किसी के ऊपर विश्वासघात करना महापाप की गिनती में आता है। पंडित मिश्रा जी ने आगे कहा कि अष्टावक्र जी ने गीता में राजा जनक को कहे हैं कि यह 3 शब्द को अपने जीवन में उतारे जिसमें पहला है अपने धन को पकड़ो पराए धन को छोड़ो, दूसरा अपनी स्त्री को संग रखे पर स्त्री से दूर रहें, तीसरे नंबर पर है अपने घर में रहो पराए के घर को छोड़ो उन्होंने गर्ग संहिता की बात भी बताई अपनी कमाई को छूना और अपनी स्त्री का स्पर्श करें और दूसरे की नारी कितनी भी सुंदर हो उसे स्पर्श ना करें यह बर्बादी की सीढ़ी है अपने जीवन में बहुत सावधानी रखनी चाहिए।

पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने कथा प्रसंग में आगे कहा कि जब भी मौका मिले भगवान का भजन करे जब तुम्हारा मन करे तब एक लोटा जल लेकर भगवान भोलेनाथ को चढ़ाएं और उस पर पूर्ण विश्वास के साथ भक्ति करें और विश्वास करें तभी फल मिलता है विश्वास हो तो कथा पर जाए उन्होंने कहा कि पैसे का बैग गुम जाएगा चलेगा ,ट्रेन छूट जाएगा चलेगा लेकिन माता पिता गुरु का चरण नहीं छोड़ना चाहिए। माता पिता गुरु का चरण एक ऐसी पूंजी है जो जिंदगी सवार देती है।

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