Bilawal Bhutto in India: पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी (Bilawal Bhutto) कल यानी 4 मई से दो दिवसीय यात्रा पर भारत आ रहे हैं. गोवा की राजधानी पणजी में शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन सम्मेलन (SCO Summit 2023) का आयोजन होने वाला है. इस सम्मेलन में एसीसीओ देशों के विदेश मंत्री भी शामिल होंगे. जिसमें पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भूट्टो (Bilawal Bhutto) भी शामिल होंगे.
बता दें कि 2014 के बाद भारत में किसी पाकिस्तानी मंत्री की यह पहली यात्रा है. इससे पहले भारत में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भारत का दौरा किया था. भुट्टो के इस दौरे को पाकिस्तान एक अवसर के रूप में देख रहा है, ताकि दोनों देशों के बीच तल्ख रिश्तों के बीच बातचीत का नया अध्याय शुरू हो सके.
भारत और पाकिस्तान के बीच होगी द्विपक्षीय बातचीत
बिलावल भुट्टो की भारत यात्रा ऐसे वक्त में हो रही है जब पाकिस्तान आर्थिक संकट, आंतरिक राजनीतिक मुश्किलों से जूझ रहा है. इस दौरे का जब अनाउंसमेंट हुआ था तब से ही कयास लगने शुरू हो गए थे कि क्या दोनों पक्षों के बीच द्विपक्षीय बातचीत होगी? मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के शेड्युल में ऐसी किसी मीटिंग का ज़िक्र नहीं है. भारत का स्टैंड क्लियर रहा है कि टेररिज्म और टॉक एक साथ नहीं चल सकता और पाकिस्तान की ओर से ये बात कही गई है कि नई दिल्ली बातचीत की पहल करना चाहे तो इस्लामाबाद भी हाथ आगे बढ़ाएगा.
शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन सम्मेलन में बिलावल भूट्टो के दौरे पर कई विशेषज्ञों का कहना है कि बिलावल का भारत दौरा दोनों देशों की मीडिया के लिए मसाला परोसने वाला होगा. लेकिन उनके आने से रिश्तों पर कुछ खास फर्क पड़ेगा, इस बात की संभावना बहुत कम है. भारतीय विशेषज्ञों की मानें तो दोनों देशों के रिश्तों में सुधार तब तक नहीं होगा जब तक पाकिस्तान की विदेश नीति को उनके देश में समर्थन मिलेगा. इसमें एक बड़ा रोल पाकिस्तानी सेना का भी है जिसे नजरअंदाज करना मुश्किल है.