पीएम मोदी 5 नवंबर को केदारनाथ धाम में करेंगे पूजा अर्चना, 87 मंदिरों में बीजेपी के बड़े नेता करेंगे दर्शन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 नवंबर को उत्तराखंड के केदारनाथ जाएंगे. पीएम मोदी सुबह-सुबह देहरादून से केदारनाथ धाम के लिए रवाना होंगे, हालांकि आख़िरी मिनट में मौसम के हिसाब से कार्यक्रम में कुछ बदलाव भी सम्भावित है. प्रधानमंत्री मोदी केदारनाथ मंदिर में सुबह 7.30 बजे पूजा करेंगे. पूजा कर लेने के बाद श्री आदि शंकराचार्य समाधि का उद्घाटन करेंगे. इसके साथ ही  प्रधानमंत्री मोदी श्री आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण भी करेंगे. 2013 की बाढ़ में विनाश के बाद आदि शंकराचार्य की समाधि का पुनर्निर्माण किया गया है.

 

ऐतिहासिक अवसर को यादगार बनाने की कोशिश

पीएम मोदी की केदारनाथ धाम यात्रा के ऐतिहासिक अवसर को यादगार बनाने के लिए बीजेपी ने एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम की योजना बनाई है और चार धामों, बारह ज्योतिर्लिंगों और प्रमुख मंदिरों, कुल मिलाकर 87 मंदिरों पर साधुओं, भक्तों और आम लोगों को आमंत्रित किया है, ये सभी मंदिर श्री आदि शंकराचार्य द्वारा अपनी यात्रा के दौरान लिए गए मार्ग पर पूरे देश में स्थापित हैं.

 

पूजा अर्चना के बाद देश को संबोधित करेंगे पीएम

प्रधानमंत्री मोदी मंदिर में पूजा अर्चना और श्री आदि शंकरचार्या की समाधि और प्रतिमा के अनावरण के बाद देश को सम्बोधित करेंगे. प्रधानमंत्री के सम्बोधन को 87 मंदिरों पर एलईडी स्क्रीन और बिग स्क्रीन लगाकर सीधा प्रसारित किया जाएगा ताकि लोगों को प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को आसानी से देखा जा सके. श्री आदि शंकराचार्य के केदारनाथ पहुंचने के मार्ग में सभी 87 मंदिरों में प्रमुख बीजेपी नेता जहां जहां मौजूद होंगे उनमें,

 

कौन नेता कहां रहेंगे

1. सोमनाथ ज्योतिर्लिंग- सीआर पाटिल (प्रदेश अध्यक्ष)
गुजरात के सौराष्ट्र में अरब सागर के तट पर स्थित है देश का पहला ज्योतिर्लिंग जिसे सोमनाथ के नाम से जाना जाता है. शिव पुराण के अनुसार जब चंद्रमा को प्रजापति दक्ष ने क्षय रोग का श्राप दिया था तब इसी स्थान पर शिव जी की पूजा और तप करके चंद्रमा ने श्राप से मुक्ति पाई थी. ऐसी मान्यता है कि स्वयं चंद्र देव ने इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना की थी.

 

2. मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग- किशन रेड्डी
आंध्र प्रदेश में कृष्णा नदी के किनारे श्रीशैल पर्वत पर स्थित है मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग. इसे दक्षिण का कैलाश भी कहते हैं और इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं.

 

3. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग- शिवराज सिंह चौहान, धर्मेंद्र प्रधान
भोजपुर- बीडी शर्मा  (प्रदेश अध्यक्ष)

 

4 ओंकारेश्वर- कैलाश विजय वर्गीय
( मध्य प्रदेश, ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्‍य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में स्थित है और नर्मदा नदी के किनारे पर्वत पर स्थित है. मान्‍यता है कि तीर्थ यात्री सभी तीर्थों का जल लाकर ओंकारेश्वर में अर्पित करते हैं तभी उनके सारे तीर्थ पूरे माने जाते हैं)

 

5. केदारनाथ ज्योतिर्लिंग,- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं मौजूद रहेंगे,
(केदारनाथ ज्योतिर्लिंग उत्तराखंड में अलखनंदा और मंदाकिनी नदियों के तट पर केदार नाम की चोटी पर स्थित है. यहां से पूर्वी दिशा में श्री बद्री विशाल का बद्रीनाथधाम मंदिर है.  मान्‍यता है कि भगवान केदारनाथ के दर्शन किए बिना बद्रीनाथ की यात्रा अधूरी और निष्‍फल है)

 

6. भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग,
(महाराष्ट्र – भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र में पुणे से करीब 100 किलोमीटर दूर डाकिनी में स्थित है. यहां स्थित शिवलिंग काफी मोटा है, इसलिए इसे मोटेश्वर महादेव भी कहा जाता है)

 

7. विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग- योगी आदित्यनाथ, स्वतंत्र देव सिंह (प्रदेश अध्यक्ष)
(उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर जिसे धर्म नगरी काशी के नाम से जाना जाता है वहां पर गंगा नदी के तट पर स्थित है बाबा विश्‍वनाथ का मंदिर जिसे विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाता है. ऐसी मान्‍यता है कि कैलाश छोड़कर भगवान शिव ने यहीं अपना स्थाई निवास बनाया था)

 

8. त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग,
(महाराष्ट्र -त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्‍ट्र के नासिक से 30 किलोमीटर दूर पश्चिम में स्थित है. गोदावरी नदी के किनारे स्थित यह मंदिर काले पत्थरों से बना है. शिवपुराण में वर्णन है कि गौतम ऋषि और गोदावरी की प्रार्थना पर भगवान शिव ने इस स्थान पर निवास करने निश्चय किया और त्र्यंबकेश्वर नाम से विख्यात हुए)

 

9. वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग- रघुवर दास, दीपक प्रकाश (प्रदेश अध्यक्ष) निशिकांत दुबे
(झारखंड -वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग झारखंड के देवघर में स्थित है. यहां के मंदिर को वैद्यनाथधाम के नाम से जाना जाता है. कहा जाता है कि एक बार रावण ने तप के बल से शिव को लंका ले जाने की कोशिश की, लेकिन रास्ते में व्यवधान आ जाने से शर्त के अनुसार शिव जी यहीं स्थापित हो गए)

 

10. नागेश्वल ज्योतिर्लिंग- भूपेन्द्र पटेल (मुख्यमंत्री)
(गुजरात -नागेश्‍वर मंदिर गुजरात में बड़ौदा क्षेत्र में गोमती द्वारका के करीब स्थित है. धार्मिक पुराणों में भगवान शिव को नागों का देवता बताया गया है और नागेश्वर का अर्थ होता है नागों का ईश्वर
कहते हैं कि भगवान शिव की इच्छा अनुसार ही इस ज्योतिर्लिंग का नामकरण किया गया है)

 

11. रामेश्वर ज्योतिर्लिंग,
(तमिलनाडु-भगवान शिव का 11वां ज्योतिर्लिंग तमिलनाडु के रामनाथम नामक स्थान में हैं. ऐसी मान्‍यता है कि रावण की लंका पर चढ़ाई से पहले भगवान राम ने जिस शिवलिंग की स्थापना की थी, वही रामेश्वर के नाम से विश्व विख्यात हुआ)

 

12. घृष्‍णेश्‍वर ज्योतिर्लिंग,
(महाराष्ट्र-घृष्‍णेश्‍वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के संभाजीनगर के समीप दौलताबाद के पास स्थित है। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से यह अंतिम ज्योतिर्लिंग है, इस ज्योतिर्लिंग को घुश्मेश्वर के नाम से भी जाना जाता है)

इन 12 ज्योतिर्लिंगों के अलावा बीजेपी के तमाम बड़े नेता इन स्थानों पर भी रहेंगे जो आदि शंकराचार्य के केदारनाथ धाम जाने के मार्ग में पड़ते है, इस बड़े कार्यक्रम के ज़रिए बीजेपी संदेश देना चाहती है कि जिन आदि शंकरचर्या को भुला दिया गया है उनका हिंदू धर्म के पुनर्जागरण और हिंदुत्व के उत्थान में कितना योगदान है.

 

 

 

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