मोना सेन ने कहा, माता-पिता का यह सपना होता है कि उनके बच्चे पढ़ लिख कर बड़ा बने. हम जब बेटियों की शिक्षा, संस्कार की बात करते है तो पूरे परिवार एवं समाज को शिक्षित व संस्कारित करने की बात होती है. उन्होंने यह भी कहा कि इस दौरान उन्हें सम्पूर्ण प्रदेश के अनेक कार्यक्रमों में अतिथि के रूप में जाने का मौका मिलता तब वे हर मंच में बेटियों के लिये भविष्य उज्ज्वल बनाने की बात जरूर करती है. ऐसे में चलाए गए अभियान को लोगों ने खूब सराहा.
मोना सेन की इस नेक मुहिम से लोग भारी संख्या में जुड़ते चले गये और आज बेटियों के सर्वांगीण विकास की इस संकल्प यात्रा में गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा लिया है. गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड के एशिया हेड डॉ मनीष विश्नोई एवं उनकी टीम ने सम्पूर्ण जांच के बाद यह रिकॉर्ड मोना सेन को प्रदान किया है.
मनीष विश्नोई ने कहा कि इस तरह का यह पहला अभियान है, जिसमें इतने सारे लोगों ने हिस्सा लिया. मोना सेन इस सफलता का श्रेय अपनी मां, परिवार, अपनी पूरी टीम और सम्पूर्ण प्रदेशवासियों को देती है, जिन्होंने इतनी बड़ी संख्या में संकल्प लिया है. उन्होंने कहा कि यह मुहिम निरंतर आगे भी जारी रहेगा.