कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कर्नाटक चुनाव में बजरंग दल को लेकर अपनी बयानबाजी को लेकर मुश्किल में हैं. पंजाब की संगरूर कोर्ट ने उन्हें 100 करोड़ रुपये के मानहानि के मामले में समन जारी किया है. संगरूर सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रमनदीप कौर की अदालत ने खड़गे को 10 जुलाई को अदालत में पेश होने का आदेश दिया है. खड़गे पर यह कार्रवाई हिंदू सुरक्षा परिषद बजरंग दल हिंद के संस्थापक हितेश भारद्वाज की याचिका के बाद हुई है.
बजरंग दल की तुलना PFI से की
कोर्ट में दायर याचिका में हितेश भारद्वाज ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान मल्लिकार्जुन खड़गे ने बजरंग दल की तुलना देश विरोधी ताकतों से की थी. हितेश के मुताबिक खड़गे ने कहा था कि जब भी कांग्रेस की सरकार आती है तो बजरंग दल और उसके जैसे देश विरोधी संगठन समाज में नफरत फैलाते हैं.
बजरंग की तुलना सिममी, पीएफआई और अल कायदा जैसे देशद्रोही संगठनों से की गई। याचिकाकर्ता ने इसे बजरंग दल के प्रति अपमानजनक टिप्पणी करार दिया।
मेनिफेस्टो में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का वादा
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बजरंग बली का मुद्दा चर्चा में आया था. कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का वादा किया है. हालांकि, बजरंग दल विवाद के बीच कर्नाटक में कांग्रेस की जीत हुई. हालांकि बजरंग दल को बदनाम करने को लेकर मामला कोर्ट तक पहुंच गया.
इससे पहले विश्व हिंदू परिषद ने कहा था कि कर्नाटक चुनाव के लिए कांग्रेस द्वारा जारी घोषणापत्र के पेज नंबर 10 पर बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का वादा किया गया है. वीएचपी की चंडीगढ़ इकाई ने कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे को मानहानि के लिए 100 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए कानूनी नोटिस भी भेजा था.