कर्नाटक का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? इस सवाल को लेकर कांग्रेस पार्टी में मंथन जारी है. इस बीच सूत्रों के मुताबिक, कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने पार्टी को बड़ा झटका देते हुए कांग्रेस आलाकमान के प्रस्ताव को ठुकराया दिया है. दरअसल, पार्टी आलाकमान ने प्रस्ताव दिया था कि पहले 2 साल सिद्धारमैया मुख्यमंत्री रहेंगे और बाकी के 3 साल डी के शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा. केंद्र से कर्नाटक पहुंचे पर्यवेक्षकों ने शिवकुमार को ये प्रस्ताव दिया था, लेकिन शिवकुमार ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. शिवकुमार द्वारा मिले झटके के बाद पार्टी अब मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री व पार्टी अध्यक्ष के फार्मूले पर विचार कर रही है.
सूत्रों के मुताबिक, पार्टी सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बनाकर उपमुख्यमंत्री का पद डीके शिवकुमार को दे सकती है. साथ ही शिवकुमार को पार्टी अध्यक्ष के पद पर भी बनाए रख सकती है. हालांकि, सिद्धारमैया दिल्ली में आलाकमान से कुछ ही देर में मुलाकात करने वाले हैं. वो विशेष विमान से कर्नाटक से दिल्ली आ रहे हैं. कहा जा रहा है कि विधायक दल की बैठक में उनके नाम पर सहमति बनी है. मुख्यमंत्री को लेकर अभी भी उलझन बनी हुई है.
पार्टी के सामने नई मुसीबत, मुस्लिमों ने की ये मांग
इधर, सुन्नी उलेमा बोर्ड की मांग ने कांग्रेस पार्टी के सामने एक नई मुसीबत खड़ी कर दी है. सुन्नी उलेमा बोर्ड ने पार्टी से कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री का पद मांगा है. साथ ही सुन्नी उलेमा बोर्ड ने 5 मुस्लिम विधायकों को कैबिनेट में अच्छे पोर्टफोलियो देने की भी मांग की है.
दरअसल, कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में 15 सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट थमाया था. इसमें से 9 उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है. वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शाफी सादी ने कहा कि उन्होंने पहले ही मुस्लिम समाज के किसी व्यक्ति को प्रदेश का उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग की थी. सादी ने कहा, ‘हमनें चुनाव में मुस्लिम उम्मीदवारों के लिए 30 सीटों की मांग की थी, लेकिन सिर्फ 15 मिलीं और इन 15 में से 9 पर मुस्लिम उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की. इसके अलावा कांग्रेस को 72 सीटों पर मुसलमानों की वजह से जीत हासिल हुई.’
उन्होंने कहा, ‘एक समुदाय के रूप में मुस्लमानों ने कांग्रेस को काफी कुछ दिया और अब समय है कि इसकी कीमत अदा की जाए. हम कर्नाटक में मुस्लिम उपमुख्यमंत्री और 5 कैबिनेट पद चाहते हैं, जिसमें गृह, राजस्व और स्वास्थ्य जैसे मंत्रालय शामिल हों. पार्टी की यह जिम्मेदारी है कि वह हमारे सहयोग के बदले ये देकर हमें शुक्रिया कहे.’
सादी ने बताया कि उन्होंने चुनाव से पहले ही ये मांग रखी थी, जिसे अब पूरा किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘अभी हम सिर्फ एक डिप्टी सीएम की डिमांड कर रहे हैं. वैसे तो कर्नाटक का मुख्यमंत्री भी किसी मुस्लिम को ही बनाया जाना चाहिए, क्योंकि अभी तक के इतिहास में एक बार भी सूबे का सीएम मुस्लिम नहीं बना है.’