कूनो में दो और शावकों की मौत एक गंभीर, अब तक 6 की गई जान

भोपाल. देश में चीता बसाने की योजना को बढ़ा धक्का लगा है. मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में गुरुवार को मादा चीता ज्वाला के दो शावकों की मौत अत्याधिक गर्मी की वजह से हो गई. इससे पहले मंगलवार को भी एक शावक की मौत हो गई थी. ज्वाला के चार शावकों में से तीन की मौत हो चुकी है. अब केवल एक शावक जिंदा है. इसे भी गंभीर हालात में पालपुर चिकित्सालय में रखा गया है. वहीं, दो महीने के भीतर अब तक 6 चीतों की मौत हो चुकी है.

कूनो में मादा चीता ज्वाला ने 27 मार्च को चार शावकों को जन्म दिया था. लेकिन यह सभी गर्मी की वजह से कम वजन और डिहाइड्रेशन का शिकार पाए गए. प्रमुख वन संरक्षक जेएस चौहान ने शावकों की मौत की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि मादा चीता के बच्चों की हम लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं. लेकिन दिन का तापमान 46 से 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है. इस वजह से बच्चे झुलस गए.
सितंबर 2022 में नामीबिया से लाए गए थे चीते
देश में चीता 70 साल पहले ही विलुप्त हो चुके हैं. इसके बाद चीता प्रोजेक्ट के तहत पहली खेप में नामीबिया से 8 चीतों को कूनो नेशनल पार्क लाया गया था. 17 सितंबर को अपने जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन्हें बाड़े में रिलीज किया था. इसके बाद 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते कूनो लाए गए थे. चार बच्चों के जन्म के बाद कुल संख्या 24 हो गई थी. शावकों के जन्म से दो दिन पहले ही मादा चीता ​​​​​साशा की मौत हुई थी. इसके बाद कुछ समय बाद चीता उदय और दक्षा की मौत हो गई. तीन शावकों की मौत के बाद अब संख्या 18 पर सिमट गई है.
पहली बार मां बनी है ज्वाला
नामीबिया से लाई गई मादा चीता ज्वाला (उस समय शियाया) ने चार शावकों को जन्म दिया था. वह पहली बार मां बनी है. इस कूना राष्ट्रीय उद्यान के मुताबिक इस वजह से केयरिंग की दिक्कते हैं. शावकों की उम्र करीब 8 हफ्ते हो चुकी है. इस उम्र में वे काफी जिज्ञासु होते हैं. करीब 8-10 दिन पहले ही उन्होंने मां के साथ घूमना शुरू किया था. इसी बीच गर्मी के चलते वे बीमार हो गए.

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