New Parliament Building Boycott: नए संसद भवन (New Parliament Building) के उद्घाटन वाली सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने खारिज कर दी है. सुप्रीम कोर्ट ने ये याचिका सुनने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिका सुनने के लायक नहीं है. गनीमत है कि हमने जुर्माना नहीं लगाया. ऐसी याचिका देखना हमारा काम नहीं है. हम जानते हैं कि ऐसी याचिका क्यों दाखिल हुई? बता दें कि याचिका में 28 मई को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन करने का निर्देश देने की मांग की गई है. अब इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. जान लें कि याचिका में कहा गया था कि प्रधानमंत्री के हाथों अगर नए संसद भवन का उद्घाटन होगा तो वह असंवैधानिक होगा.
याचिका में की गई थी ये मांग
गौरतलब है कि संसद पर तकरार देश की सबसे बड़ी अदालत तक पहुंच गई थी. वकील सीआर जया सुकिन की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि राष्ट्रपति संसद का अभिन्न हिस्सा है. ऐसे में उद्घाटन समारोह में उन्हें आमंत्रित न करना संवैधानिक सिद्धांतों के खिलाफ है. याचिका में लोकसभा सचिवालय को इस बारे में निर्देश देने की मांग की गई है.
नई संसद के उद्घाटन पर सियासी बवाल
आपको बता दें कि नए भवन के उद्घाटन का बायकॉट करने वाली पार्टियों की संख्या 20 हो गई है, जबकि समर्थन करने वाले दलों की संख्या 25 हो चुकी है. समर्थन करने वालों में NDA की 18 पार्टियां और NON-NDA की 7 पार्टियां शामिल हैं.
28 मई को पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन
जान लें कि 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री मोदी ने नए संसद भवन की नींव रखी थी. अब पीएम मोदी ही 28 मई को इसका उद्घाटन करेंगे. नया संसद भवन करीब 1200 करोड़ रुपये की लागत से तैयार है. नया संसद भवन 4 मंजिला है. इसमें आज के दौर के हिसाब से कई सुविधाएं हैं. इसके अलावा सिटिंग अरेंजमेंट को भी बढ़ाया गया है. नई संसद में लोकसभा के 888 मेंबर बैठक सकते हैं जबकि राज्यसभा के 384 सदस्य भी बैठ सकते हैं. नए संसद भवन की बिल्डिंग पुरानी संसद से 17,000 स्क्वायर मीटर बड़ी है.