RBI On Economic Growth Rate: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने करेंट फाइनेंशियल ईयर में आर्थिक वृद्धि दर (Economic Growth Rate) 6.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि हमने सभी पहलुओं पर गौर करने के बाद आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान लगाया है. हमें इसको हासिल करने की पूरी उम्मीद है. उन्होंने आगे कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व आगे पॉलिसी रेट में कुछ और बढ़ोतरी करता है तो उससे रुपये की एक्सचेंज रेट पर प्रभाव पड़ने की आशंका नहीं है. साथ ही सर्विस एक्सपोर्ट बेहतर रहने से करेंट अकाउंट का घाटा प्रबंधन योग्य दायरे में रहेगा.
GDP ग्रोथ रेट 6.5 फीसदी रहने का अनुमान
बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने इस महीने पेश मौद्रिक नीति समीक्षा (Monetary Policy Review) में जीडीपी (GDP) ग्रोथ रेट 6.5 फीसदी रहने के अनुमान को बरकरार रखा है. हालांकि, ये अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) के इस साल अप्रैल में जताए गए 5.9 फीसदी आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान से कहीं ज्यादा है. वहीं रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने ताजा अनुमान में करेंट फाइनेंशियल ईयर के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट अनुमान को बढ़ाकर 6.3 फीसदी कर दिया है.
जीडीपी ग्रोथ रेट पर अच्छी खबर
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि जीडीपी ग्रोथ रेट को लेकर हमने संतुलित रुख लिया है. किसी भी स्थिति में आप अनुमान जताते हैं, तो पॉजिटिव और निगेटिव, दोनों रिस्क होते हैं. यह सब मिलाकर हमने संतुलित रुख अपनाया है और इसके आधार पर हमारा अनुमान है कि आर्थिक वृद्धि चालू वित्त वर्ष में 6.5 फीसदी रहेगी और इसके लिए हम काफी आशान्वित हैं.
रुपये के उतार-चढ़ाव पर क्या बोले RBI गवर्नगर?
जान लें कि बीते फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में इकोनॉमिक ग्रोथ रेट 7.2 फीसदी रही जो अनुमान से ज्यादा है. रुपये के बारे में पूछे जाने पर आरबीआई गवर्नर दास ने कहा कि कोविड के वक्त से देखें तो रुपया और डॉलर विनिमय दर स्थिर रही है. इस साल जनवरी महीने से अभी तक के आंकड़े लें तो रुपये में हुआ उतार-चढ़ाव काफी मामूली है. रुपये में थोड़ी मजबूती ही आई है. हमारा प्रयास है कि डॉलर-रुपये की विनिमय दर में ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं हो.