सरकार का उद्देश्य बेरोजगारी भत्ता नहीं बल्कि रोजगार उपलब्ध कराना हो
राजनांदगांव। पूर्व सांसद एवं प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष मधुसूदन यादव ने भूपेश सरकार पर प्रदेश के लाखों बेरोजगार युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने का गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार का उद्देश्य बेरोजगारी भत्ता देना नहीं बल्कि युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना होना चाहिये। किन्तु भूपेश सरकार के कार्यकाल में युवाओं एवं बेरोजगारों के लिये आजतक कोई ठोस कार्ययोजना नहीं बनी है और रोजगार देने के नाम पर सरकार उनके साथ लागातार छल कर रही है। अपने घोषणा पत्र में 10 लाख युवाओं को रोजगार एवं 10 लाख बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने का वादा करने वाली कांग्रेस सरकार ने इस महीने केवल एक लाख साठ हजार युवाओं को ही बेरोजगारी भत्ता दिया है, और अब तक 25 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी देने का दावा कर रही है जो कि पूरी तरह निराधार है। कांग्रेस शासनकाल में पूर्व में जारी किये गये 500 अधीक्षकों के सरकारी भर्ती एवं कई अन्य भर्तियों को शासन द्वारा जानबूझकर अब तक रोके रखा गया है, 12000 शिक्षको की भर्ती पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा स्टे लगाया गया है, इंजीनियरों भर्ती परीक्षा भी माननीय उच्च न्यायालय में लंबित है।
पूर्व मंे आयोजित सब इंस्पेक्टर परीक्षा में महिला प्लाटून कमांडर पद में सरकार की गलत आरक्षण नीति के कारण, यह परीक्षा भी न्यायालयीन प्रक्रीया में अटकती नजर आ रही है। पूर्व सांसद मधु ने यह भी बताया कि इस परीक्षा का विज्ञापन सन् 2018 में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के कार्यकाल में निकाला गया था, जिसकी भर्ती प्रक्रीया पिछले पॉच सालों में पूर्ण नही हो सकी है, जो की शर्मनाक, आपत्तिजनक एवं विचारणीय है। इस प्रकार कांग्रेस शासन में अधिकांश सरकारी नियुक्तियॉ किसी ना किसी कारण से लंबित है। यदि आंकड़ों पर गौर करें, तो वर्तमान में, पीएससी परीक्षा घोटाले से राज्य में मचे कोहराम के बीच, 25000 सरकारी नौकरी देने का शासन का दावा भी खोखला साबित हो रहा है। वरिष्ठ भाजपा नेता ने यह भी आरोप लगया है कि एक तरफ भूपेश सरकार युवाओं को रोजगार देने में फेल हुई है, तो दूसरी ओर बेरोजगारी भत्ता देने में भी बेईमानी और धोखाधाड़ी कर रही है। भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष ने आरोप लगाया है कि अपने चुनावी घोषणा पत्र में युवाओं को रोजगार एवं बेरोजगारों को प्रति माह बेरोजगारी भत्ता देने का झूठा वायदा करके सत्ता प्राप्त करने के बाद कांग्रेस शासन ने चार सालों तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया।
फिर चुनावी वर्ष नजदीक आता देखकर सरकार ने 1 अक्टूबर 2022 को सीएमआईई नामक निजी संस्था से छत्तीसगढ़ के संदर्भ में फर्जी आंकड़े जारी करवाते हुए प्रदेश की बेरोजगारी दर को शून्य दशमलव एक प्रतिशत बताते हुए स्वयं की पीठ थपथपा कर वाहवाही लूट ली। किन्तु जब शासन से चुनावी वर्ष के प्रारंभ में बेरोजगारी भत्ते के लिये आवेदन आमंत्रित किये, तब लाखों की संख्या में शासन को प्राप्त आवेदनों से भाजपा के इस दावे की सत्यता प्रमाणित हो गई की मौजूदा कांग्रेस सरकार में प्रदेश में बेरोजगारी चरम पर है, किन्तु भूपेश सरकार इस तथ्य को छुपाती रही है। अपनी गलती उजागर होने पर सरकार ने युवा बेरोजगारों को सुनियोजित षड़यत्र के तहत जटिल आवेदन प्रक्रीया और फार्म जमा करने के लिये लंबी कतारों में उलझाकर 3-4 माह का समय और व्यर्थ कर दिया जिसके बाद प्रदेश के युवाओं को 01 अप्रेल 2023 से बेरोजगारी भत्ता देना प्रारंभ किया गया है। किन्तु शासन द्वारा जारी बेरोजगारी भत्ता के गाईडलाईन में अति कठोर पात्रता नियमों के चलते प्रदेश के कुल 5 प्रतिशत से भी कम बेरोजगारों को ही बेरोजगारी भत्ते का लाभ मिल पा रहा है।
प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष मधु ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस सरकार की नीयत में खोट है, जो बस किसी तरह अपने कार्यकाल का समय व्यतीत कर रही है, और युवाओं को धोखे में रखने के लिये सरकारी भर्तियों के विज्ञापन जारी करके उन्हें सुनहरे भविष्य के सपने दिखाती रहती है किन्तु वास्तविकता में युवाओं को सरकारी नौकरी देने में और बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने में भूपेश नीत कांग्रेस सरकार पूरी तरह विफल रही है। इस सरकार के पास बेरोजगारों के लिये कोई ठोस कार्य योजना, बजट एवं इच्छाशक्ति का सर्वथा अभाव है।