चंडीगढ़. सीएम भगवंत मान के गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी को जेल में रखने के लिए 55 लाख रुपये की कानूनी फीस वसूलने के ऐलान के बाद यह मामला पूरी तरह से गरमाया हुआ है. सरकार ने अब गैंगस्टर मुख्तार अंसारी पर कथित तौर पर खर्च किए गए 55 लाख रुपए की वसूली के लिए पूर्व सीएम कैप्टन अमरिन्दर सिंह और कांग्रेस विधायक सुखजिंदर सिंह रंधावा को वसूली का नोटिस जारी कर दिया है. हालांकि दोनों नेताओं ने सरकार को अदालत में चुनौती देने की धमकी दी है.
रंधावा को मिला 17 लाख 60 हजार रुपये की रिकवरी की नोटिस
सुखजिंदर सिंह रंधावा ने सीएम मान के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज करने की धमकी दी है. उन्होंने ट्वीट कर सरकार द्वारा भेजे गए नोटिस की एक कॉपी शेयर की है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि मुझे 17 लाख 60 रुपए की रिकवरी का नोटिस भेजा गया है और मैं इसे लेकर लड़ाई लड़ने को तैयार हूं. यह मामला अब थमता नजर नहीं आ रहा है आरोपों प्रत्यारोपों के बीच सीएम मान ने पूर्व जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा द्वारा लिखा गया पत्र जारी किया है.
रंधावा ने कैप्टन अमरिंदर को लिखा था पत्र
रंधावा द्वारा 1 अप्रैल, 2021 को कैप्टन अमरिन्दर सिंह को लिखे इस पत्र में कहा गया है कि मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मुझे नहीं पता कि उत्तर प्रदेश में कई मामलों में वांछित यह खतरनाक गैंगस्टर पंजाब की जेल में क्यों बंद है. अपराधियों और गुंडों के खिलाफ मेरी निजी राय आप भली-भांति जानते हैं. वास्तव में मुझे गैंगस्टरों और अपराधियों से कई धमकियां मिली हैं, जिसके कारण आपने मुझे बुलेटप्रूफ वाहन और पर्याप्त सुरक्षा कवर प्रदान किया है.
करीब दो साल तक पंजाब जेल में मुख्तार अंसारी था बंद
उन्होंने पत्र में कहा था मैं मीडिया द्वारा सरकार की मंशा पर उठाए जा रहे सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं दे पा रहा हूं. रंधावा ने पूर्व सीएम से यह भी कहा था कि आपके पास गृह मंत्रालय का विभाग है. इसलिए कृपया इस मुद्दे पर बताएं दें ताकि हम अपनी पार्टी को शर्मिंदगी से बचा सकें.सीएम मान ने कहा कि वह इस मामले में जल्द ही अधिक विवरण शेयर करेंगे. बता दें कि अंसारी जनवरी 2019 से अप्रैल 2021 तक मोहाली में दर्ज जबरन वसूली के एक मामले में रूपनगर जेल में था. पूर्व कांग्रेस सरकार पर आरोप है कि इस दौरान अंसारी को वीआईपी ट्रीटमेंट दिया गया था.
आप सरकार ने 55 लाख रुपये के खर्च होने का किया दावा
आम आदमी पार्टी सरकार ने इस मामले में की जांच करवाई थी. जिसमें कहा गया है कि पूर्व कांग्रेस सरकार ने अंसारी के वीआईपी ट्रीटमेंट पर 55 लाख रुपये खर्च किए थे. जांच से पता चला है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने प्रति सुनवाई 11 लाख रुपये खर्च करके और वकील की फीस पर कुल 55 लाख रुपये खर्च करके अंसारी का केस लड़ने के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक वरिष्ठ वकील को लगाया था.