नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा शुक्रवार को जस्टिस कृष्ण मुरारी (Justice Krishan Murari) के लिए आयोजित विदाई समारोह में भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) शायराना अंदाज में नजर आए. इस दौरान उन्होंने उनके साथ अपने पुराने जुड़ाव को याद करते हुए विदाई भाषण के दौरान बशीर बद्र का एक ‘शेर’ पढ़ा.
इंडिया टुडे के अुसार CJI ने याद किया कि सीजेआई चंद्रचूड़ और जस्टिस मुरारी दोनों ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक साथ काम किया था. सीजेआई ने अपने भाषण में कहा ‘मुसाफिर हैं हम भी, मुसाफिर हो तुम भी, किसी मोड़ पर फिर मुलाकात होगी.’ उन्होंने संविधान पीठ के मामलों की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति मुरारी की कड़ी मेहनत और टेक्नोलॉजी सीखने में उत्सुकता की सराहना की.
उन्होंने यह भी कहा ‘आपके साथ कुछ लम्हे काई यादें बतौर इनाम मिले, एक सफर पर निकले और तजुर्बे तमाम मिले.’ सीजेआई चंद्रचूड़ ने आगे कहा कि न्यायमूर्ति मुरारी हमेशा शांत रहते थे, उन्होंने एक न्यायाधीश के लिए सद्गुण को आदर्श आचरण बताया. न्यायमूर्ति मुरारी ने अपने भाषण में संविधान पीठ पर बैठने के अपने अनुभव को याद किया, जिसे भारत के मुख्य न्यायाधीश ने कागज रहित घोषित किया था और कहा ‘ जब मैं संविधान पीठ पर बैठा था, तो सीजेआई ने अचानक घोषणा की कि यह बेंच एक ग्रीन बेंच होगी’.
न्यायमूर्ति मुरारी ने आगे कहा कि ‘मैंने उनके कान में कहा कि मैं कंप्यूटर संचालन के बारे में कुछ नहीं जानता. लेकिन सीजेआई ने कहा मैं आपको तुम्हें सीख दूंगा.’ उन्होंने आगे कहा ‘पहला दिन बेहद शर्मनाक था. मैं इसे संचालित करने में सक्षम नहीं था. फिर भाई नरसिम्हा ने अपना आईपैड झुकाया ताकि मैं देख सकूं. उसी शाम, मैंने अपने कानून क्लर्कों से मेरा मार्गदर्शन करने के लिए कहा. इसके बाद ही मैं संविधान पीठ के साथ आगे बढ़ सका.’
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट में 34 जस्टिस के पद स्वीकृत हैं, लेकिन पिछले महीने तीन न्यायाधीशों की रिटायर होने के बाद वर्तमान में यह 31 न्यायाधीशों के साथ काम कर रही है. न्यायमूर्ति मुरारी की सेवानिवृत्ति के बाद यह संख्या घटकर 30 रह जाएगी.