Joe Biden warned Xi Jinping on West’s investment: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चीनी राष्ट्रपति शी को सावधान और सतर्क रहने की सलाह दी है. बाइडेन ने चीनी प्रीमियर को अच्छी तरह से समझाते हुए कहा कि चीन को कई मामलों में सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि उनकी अर्थव्यवस्था पश्चिमी देशों पर निर्भर करती है. जो बाइडेन ने कहा ‘यह मैंने कोई धमकी नहीं दी है यह मेरा ऑब्जरवेशन है. जब से रूस यूक्रेन में युद्ध छेड़ा है 600 अमेरिकी नागरिक रूस से बाहर निकल गए हैं और आपने मुझे बताया है कि आपकी अर्थव्यवस्था यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका के निवेश पर निर्भर करती है इसलिए सावधान रहें.’
बयान की टाइमिंग की हो रही चर्चा
आपको बताते चलें कि वर्ल्ड ऑर्डर में बदलाव का सपना देख रहा चीन अपनी कुछ कमियों के बावजूद अमेरिका को पीछे छोड़कर सुपरपावर का तमगा हासिल करने के लिए बेताब है. अमेरिका से लंबे तनाव खासकर ताइवान और ट्रेड वार के बावजूद दोनों के बीच हर साल करोड़ों डॉलर का बिजनेस होता है. ऐसे में पश्चिमी देशों और यूरोप में चीन के निवेश और आयात-निर्यात को लेकर जो बाइडेन ने जो बयान दिया है उसके कई मायने निकाले जा रहे हैं. दरअसल बाइडेन का ये बयान कुछ समय पहले रूसी प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग की मुलाकात के संदर्भ में दिया गया है.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपनी बात दोहराते हुए कहा कि चीन के राष्ट्रपति ने खुद उनसे कहा था कि उनकी इकॉनमी अमेरिका और यूरोप पर डिपेंड करती है. ऐसे में उन्हें किसी पर आंख बंद करके भरोसा नहीं करना चाहिए.
ऐसा करेंगे तो फायदे में रहेंगे: बाइडेन
‘रॉयटर्स’ की रिपोर्ट के मुताबिक पुतिन और शी जिनपिंग ने इस साल मार्च में मुलाकात की थी. तब दोनों ने एक सुर में पश्चिमी देशों और अमेरिका की जमकर आलोचना और मुखालफत करते हुए लंबी मैराथन बैठक की थी. शी और पुतिन के बीच तब साढ़े चार घंटे से ज्यादा मंथन हुआ था. अमेरिका ने इस बैठक का खुलकर विरोध किया था. ताइवान, यूक्रेन में रूस के युद्ध, उन्नत प्रौद्योगिकियों पर बढ़ते अमेरिकी निर्यात प्रतिबंधों और चीन की औद्योगिक नीतियों समेत राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर भी दोनों देशों की टेंशन पिछले कुछ समय से बढ़ गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन इस समय बीजिंग के दौरे पर है. उनके ऊपर अमेरिका-चीन के संबंधों को स्थिर करने की चुनौती है.
रूस से दूर रहे चीन!
जानकारों का मानना है कि बाइडेन के बयान में चीन को एक संदेश भी दिया गया है. दरअसल यूक्रेन युद्ध के चलते अमेरिका और यूरोप दोनों रूस पर हमलावर हैं. हर महीने किसी न किसी नेता का यूक्रेन दौरा होता रहा है. उसके बाद होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस में रूस पर सीधा हमला बोला जाता है. अमेरिका और यूरोप के प्रतिबंधों से रूस कमजोर पड़ रहा है. ऐसी बातों के संदर्भ में अब यह भी माना जा रहा है कि बाइडेन ने इशारों-इशारों में चीन को बता दिया है कि वो रूस से जितना दूर रहेगा, उसे उतना ही फायदा होगा.