रायपुर। मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच का 97 वर्ष की उम्र में रविवार को निधन हो गया. मध्य प्रदेश की पहली और एकमात्र महिला मुख्य सचिव रहीं निर्मला बुच का नाम छत्तीसगढ़ में भी सम्मान के साथ लिया जाता है. उनकी वर्ष 2012 में सुकमा कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन की सफल और सुरक्षित रिहाई के लिए हमेशा याद किया जाएगा.
21 अप्रैल 2012 को माओवादियों ने सुकमा ज़िले के मांझीपारा गांव से कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन का अपहरण कर लिया था, जिसके साथ ही न केवल प्रदेश में बल्कि पूरे देश में हड़कंप मच गया था. ऐसे समय में कलेक्टर की सुरक्षित रिहाई के लिए माओवादियों से बातचीत के लिए राज्य सरकार ने सबसे पहले निर्मला बुच से संपर्क साधा. निर्मला बुच ने भी राज्य सरकार के साथ कलेक्टर के परिजनों को निराश नहीं किया और उनके पहल से एलेक्स पॉल मेनन की 3 मई को नक्सलियों की कैद से सुरक्षित रिहाई हुई.
निर्मला बुच की जिम्मेदारी यहीं खत्म नहीं हो गई, उन्होंने इसके बाद नक्सलियों के साथ हुए समझौते के तहत राज्य के विभिन्न जेलों में नक्सलियों के नाम से बंद बंदियों के मामलों की समीक्षा करने के लिए गठित समिति में अहम भूमिका निभाई. कमेटी की अनुशंसा के आधार पर राज्य सरकार ने जरूरी कदम उठाए थे.
मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव श्रीमती निर्मला बुच जी के निधन के समाचार से मन दुःखी है। उनकी कर्तव्यनिष्ठा और प्रशासनिक दक्षता अद्भुत थी। मैं ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति तथा शोकाकुल परिजनों को इस दुःख को सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूँ। दुःख की इस घड़ी में मेरी…
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) July 9, 2023