जानकारी के अनुसार, किसान का नाम हीरालाल साहू, निवासी बुढ़गहन गांव है. वह लंबे समय से अपनी जमीन पर कब्जे से जुड़े विवाद को लेकर परेशान था. यह प्रकरण सुहेला तहसील में चल रहा था. कई चक्कर लगाने के बाद आज भी जब उसे अगली पेशी तारीख दी गई. अंतत: प्रशासन से मदद न मिलने के चलते परेशान किसान ने कार्यालय से बाहर निकलते ही जहर खा लिया. इस घटना ने स्थानीय प्रशासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
फिलहाल डॉक्टरों की टीम किसान की हालत पर नजर बनाए हुए हैं. लेकिन इस घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों और किसान संगठनों में आक्रोश बढ़ गया है.
क्यों खाया किसान ने जहर ?
सूत्रों के मुताबिक, किसान हीरालाल साहू का भूमि कब्जे से जुड़ा एक मामला सुहेला तहसील में लंबित था. वह लगातार तहसील कार्यालय के चक्कर लगा रहा था, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की बेरुखी और मामले के लंबित रहने के कारण वह मानसिक रूप से टूट चुका था.
ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्रशासन ने पहले ही उचित कार्रवाई की होती, तो यह स्थिति नहीं आती. किसान पहले से ही आर्थिक और मानसिक दबाव में रहते हैं, ऐसे में प्रशासन की लापरवाही उनके लिए आत्महत्या जैसे गंभीर कदम उठाने का कारण बन जाती है.
किसानों की समस्याओं को गंभीरता से लेने की जरूरत
किसानों की आत्महत्या की घटनाएं बढ़ रही हैं, और प्रशासन की निष्क्रियता इस समस्या को और विकराल बना रही है. यह घटना एक बार फिर बताती है कि अगर समय पर प्रशासन ने हस्तक्षेप किया होता, तो आज एक किसान अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष नहीं कर रहा होता.
कांग्रेस जिलाध्यक्ष हितेन्द्र ठाकुर ने किसान द्वारा आत्महत्या के प्रयास को बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण कहा है. उन्होने कहा कि राजस्व मंत्री के विधानसभा क्षेत्र का किसान राजस्व अधिकारियों की लापरवाही के चलते आत्महत्या का प्रयास करने को मजबूर हो रहे है. इससे यह सिद्ध हो रहा है कि सरकार और सरकार के मंत्री संवेदनहीन हो गये हैं. प्रशासन पर कोई नियंत्रण नहीं है. यह सरकार की नाकामी और मंत्री जी की असफलता है.
कलेक्टर ने जांच के दिए निर्देश
वहीं मामले को लेकर कलेक्टर दीपक सोनी ने कहा कि सुहेला तहसील में मामला सामने आया है. किसान ने जहर खुरानी किया है. मामले की जांच के लिए एसडीएम सिमगा अंशुल वर्मा को निर्देशित किया गया है. जांच रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
