उमरिया। उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व(Bandhavgarh Tiger Reserve) से लगे पिपरिया गांव के समीपी जंगल से बड़ी घटना हो गई। शनिवार सुबह गांव से लगे जंगल में महुआ बीनने गए 14 वर्षीय बालक पर झाड़ियों में छिपे बाघ ने हमला कर दिया। इसके बाद उसे जबड़े में दबोचकर जंगल की ओर ले गया।
जानकारी के मुताबिक विजय कोल पिता अर्जुन अपने साथी के साथ शनिवार की सुबह गांव से लगे जंगल की ओर महुआ बीनने गया था, जहां झाड़ियों में छिपे बाघ ने उस पर हमला कर दिया।
घटना की जानकारी के बाद ग्रामीण मौके पर पहुंचे। वहीं टाइगर रिजर्व प्रबंधन का जमीनी अमला भी घटनास्थल पंहुचा है। कड़ी मशक्कत के बाद बालक का शव नाले में मिला है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
इधर… बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पतौर रेंज में दिखा दुर्लभ सोन कुत्तों का झुंड
बुधवार 11 अप्रैल को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पतौर परिक्षेत्र की पनपथा बीट में फील्ड स्टाफ को गश्त के दौरान 12 नग सोनकुत्ते तालाब में पानी पीते हुए दिखाई दिए, जिसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा बताया गया कि सोन कुत्ते अत्यंत दुर्लभ जीव है और किसी निश्चित स्थान पर न रहकर जंगलों में यहां वहां झुंड समेत विचरण करते रहते हैं।
परिस्थितिक तंत्र में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। गौरतलब है की बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की पतौर, मानपुर और धमोखर रेंज में कभी-कभी सोन कुत्तों का झुंड दिखाई देता है।
भौंकते नहीं सीटी बजाते हैं
कान्हा टाइगर रिजर्व के पूर्व रिसर्च अधिकारी डॉ. राकेश शुक्ला का कहना है कि सोन कुत्ता सामान्य कुत्तों की भांति भौंकता नहीं, बल्कि सीटी बजाने जैसी आवाज निकालता है। झुंड में रहने वाले सोन कुत्तों का भी पूरी तरह से एक सामाजिक सिस्टम होता है। झुंड में ही ये जंगली जानवरों का शिकार करते हैं। बांधवगढ़ में इन वन्य प्राणियों के दिखाई देने के बाद इनकी सुरक्षा के उपायों को लेकर भी चर्चा होने लगी है।