आत्मरक्षा बहुत है ज़रूरी
रायपुर। कई दिनों से मन में यह विचार चल रहा था की हमारी माताएँ बहने कहीं कहीं पर अपने आपको असुरक्षित महसूस करती हैं तो इस पर चिंतन करते करते पूज्य संतों से महात्मा जन से दरबार में चर्चा हुई तो उनके मार्गदर्शन अनुसार मैंने कुछ संस्थाओं से संपर्क किया और यह आत्म रक्षा शिविर की चर्चा की उनसे कहा कि मैं पूर्ण रूप से तन ,मन धन,से अपने पिता स्वर्गीय लालचंद जी क्षत्री जी की स्मृति में यह आयोजन करवाना चाहता हूँ क्योकि उन्होंने समाज हित व्यापार हित के लिये अपने प्राणो की आहुति दे दी उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए तो बढ़ते क़दम संस्था द्वारा विचार विमर्श करते हुए इस आयोजन की सहमति बनी और मार्गदर्शन तो विश्व हिंदू परिषद -बजरंग दल का शुरू से ही मिलता रहा है क्योंकि मैं विश्व हिंदू परिषद के जिला उपाध्यक्ष के दायित्व में भी रहा हूँ सनातन संस्कृति से बेहद लगाव रहा है अन्य संस्थाओं में जैसे चेंबर ऑफ़ कामर्स ,छ ग़ सिन्धी पंचायत इनमें भी दायित्व में हूँ.
मैं तो सदैव सनातन -समाज सेवा को तत्पर हूँ इसी कड़ी में यह आयोजन मेरे पिता की स्मृति में बढ़ते क़दम -विश्व हिंदू परिषद – बजरंग दल -दुर्गा वाहिनी के साथ मिलकर शुरू किया और प्रथम दिवस पर ही हमारी मातृ शक्ति माताएँ बहने बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने लगी एक दिन में ही यह आयोजन बहुत भव्य हो गया -7 वर्ष की बालिका से लेकर 57 वर्ष की ग्रहणी ने भी दंड चलाकर प्रशिक्षण लिया पहले दिन से ही इतना उत्साह देखते बनता है अभी तो यह शिविर भव्य रूप लेता दिख रहा 22 अक्टूबर तक चलेगा तो सभी से निवेदन है ज़्यादा से ज़्यादा संख्या में पहुँचे और इस आयोजन का लाभ लें और आत्म रक्षा से अपना जीवन निडर भय मुक्त बनाएँ इसमें दुर्गा वाहिनी की बहनों की देखरेख में सुरक्षित शिक्षा दी जा रही है सभी लाभ लें इस आयोजन को कराने के लिये विभिन्न विभिन्न जगह से कॉल भी आ रहे है इस सेवा कार्य में मैं सदैव साथ हूँ जितना हो पाएगा मेरा सहयोग रहेगा.