धार्मिक शास्त्रों में पूजा-पाठ और परंपराओं का विशेष महत्व है. धार्मिक अनुष्ठानों, हवन, पूजा-पाठ के खास नियम बताए गए हैं. वहीं घर में सबसे प्रमुख और पवित्र जगह पूजा घर ही माना जाता है. इसलिए पूजा घर में वास्तु नियमों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. बात करें, घर के मंदिर में रखी चीजें जैसे कि नारियल, अक्षत, रोली आदि बेहद शुभ मानी जाती है. इसी तरह पूजा घर के मंदिर में जल का पात्र रखना भी महत्वपूर्ण माना जाता है. मंदिर में जल रखने के पीछे शास्त्रों से जुड़े कई कारणों के बारे में बताया गया है. अब ऐसे में सवाल है, कि पूजा घर में रखे जल का अगले दिन क्या करना चाहिए. कुछ लोग पात्र को धोने के साथ-साथ जल को भी उसी में प्रवाहित कर देते हैं, लेकिन ऐसा करना अशुभ माना जाता है. आइए जानते हैं कि उस जल का क्या करें.
पूजा घर में रखे जल को पौधे में डालें
ज्योतिषी के अनुसार पूजा घर में रखे जल को अगले दिन पौधे में डाल देना चाहिए, लेकिन जल डालने के दौरान इस बात का ध्यान रखें कि तुलसी और शमी के पौधे में न डालें. इससे आपको अशुभ परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है और जीवन में मुश्किलें भी बढ़ सकती है. इसलिए इस बात का खास ध्यान रखें.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पूजा घर में हमेशा तांबे के लोटे में ही जल रखना चाहिए. इसे बेहद पवित्र माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि पूजा घर में रखा हुआ जल सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है. इससे व्यक्ति की सभी परेशानियां दूर हो सकती है और घर में सुख-समृद्धि और सौभाग्य की भी प्राप्ति हो सकती है.
जल है शुभता का प्रतीक
ज्योतिषी की मानें, तो पूजा घर में जल रखने का विशेष महत्व है. पूजा-पाठ करते समय रोजाना इस जल से भगवान को स्नान करना चाहिए. इसे बेहद उत्तम माना जाता है. ज्योतिष के नियमों के साथ-साथ पूजा घर में जल रखना ईश्वर के प्रति श्रद्धा को दर्शाता है.
जानें जल से आचमन करने का महत्व
पूजा घर में रखे जल से आचमन करना बेहद शुभ माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार जल की पूजा वरुण देव के रूप में की जाती है, इसलिए आरती करने के बाद जल से आचमन जरूर करना चाहिए. वहीं आचमन के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है. ऐसा कहा जाता है कि पूजा घर में कभी जल पात्र को खाली नहीं रखना चाहिए. रोजाना पात्र में तुलसी के कुछ पत्ते जरूर रखें. इससे आपको लाभ हो सकता है.