दिल्ली में कांग्रेस के साथ गठबंधन करने वाली आम आदमी पार्टी ने लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद गठबंधन तोड़ दिया है. दिल्ली में लोकसभा चुनाव के लिए दोनों पार्टियों ने 4:3 के फॉर्मूले पर चुनाव लड़ा था. यानी 4 सीटों पर आप और 3 सीटों पर कांग्रेस ने उम्मीदवार उतारे थे. इसके बाद दोनों पार्टियां दिल्ली की एक भी सीट पर जीत हासिल करने में कामयाब नहीं हुई जिसके बाद AAP ने गठबंधन से कदम पीछे खींचते हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान कर दिया. अब कांग्रेस भी आप के खिलाफ मोर्चा खोलती नजर आ रही है.
इस बीच दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कांग्रेस से नरमी बरतने की अपील की है. उन्होंने कांग्रेस को नसीहत देते हुए कहा है कि पार्टी को इंडिया गठबंधन को ध्यान में रखना चाहिए.
कांग्रेस इंडिया गठबंधन के दलों के खिलाफ ही मोर्चा खोल देगी तो किसी भी मुद्दे पर की एक राय कैसे बनेगी. हम संसद के अंदर केंद्र सरकार से कैसे निपटेंगे ? कांग्रेस को ‘लक्ष्मण रेखा’ खींचनी चाहिए, खासकर उन राज्यों में, जहां कांग्रेस उन पार्टियों के खिलाफ है जो इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं.’
जल संकट को लेकर कांग्रेस का प्रदर्शन
दिल्ली में जारी जल संकट को लेकर कांग्रेस भी आम आदमी पार्टी के खिलाफ खुलकर बोल रही है. कांग्रेस ने पिछले दिनों मटकी फोड़ प्रदर्शन भी किया था. इससे पहले लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद आप के गोपाल राय ने कहा था कि कांग्रेस के साथ उनकी पार्टी का गठबंधन सिर्फ लोकसभा चुनाव के लिए था और उन्होंने संकेत दिया कि सत्तारूढ़ पार्टी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में अकेले ही चुनाव मैदान में उतरेगी.
दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल के आवास पर पार्टी विधायकों और वरिष्ठ नेताओं की बैठक के बाद गोपाल राय ने कहा कि पार्टी ने लोकसभा चुनाव में ‘इंडिया गठबंधन’ को पूरा समर्थन दिया. लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए सिर्फ ” ‘इंडिया’ गठबंधन था. दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए फिलहाल कोई गठबंधन नहीं हुआ है.”
“हमने अत्यंत प्रतिकूल परिस्थितियों में चुनाव लड़ा. हमारे शीर्ष नेता जेल में हैं. सभी सीट पर जीत का अंतर कम हुआ है.” अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद ‘आप’ कार्यकर्ताओं में निराशा थी, लेकिन कठिन परिस्थितियों में भी पार्टी एकजुट रही और तानाशाही के खिलाफ मजबूत लड़ाई लड़ी.