रायपुर। आम आदमी पार्टी ने धान खरीदी पर कांग्रेस और भाजपा पर सियासी खेल खेलने का आरोप लगाया है. आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने कहा कि चाहे बीजेपी हो या फिर छत्तीसगढ़िया की बात करने वाली कांग्रेस, दोनों की पार्टियों की सरकारों ने छत्तीसगढ़ के किसानों का हक मारा है. अधिकारों को छीना है, शोषण किया है, उन्हें लूटा है. यही वजह है कि आज भी छत्तीसगढ़ के किसान परेशान और त्रस्त हैं.
आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी मंगलवार को पार्टी कार्यालय में मीडिया से रू-ब-रू हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसानों के साथ दोनों पार्टियों ने बारी-बारी से धोखा किया. धान खरीदी को राजनैतिक मुद्दा बना दिया गया है. कांग्रेस ने 2018 में छल-कपट और झूठ बोलकर सरकार बनाई. अब फिर विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही अब बीजेपी-कांग्रेस को किसान और धान की याद आ रही है. चुनावी साल होने के नाते दोनों राजनीतिक दल किसानों को लुभाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाह रहे हैं.
उन्होंने कहा कि भूपेश सरकार के गायब राशन की वसूली के लिए सख्ती के सारे दावे खोखले साबित हो रहे हैं. 23 लाख रुपए वसूलने के बाद भी 12 हजार क्विंटल चावल की वसूली नहीं हो पाई. मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कोमल हुपेंडी ने कहा कि रायपुर जिले के 142 राशन दुकानों से गायब हुए 18000 क्विंटल चावल में से सिर्फ 64 क्विंटल चावल ही वसूल सके हैं. इतना ही नहीं 269 क्विंटल शक्कर में से सिर्फ 105 क्विंटल की वसूली हुई है. वहीं 303 क्विंटल नमक में से सिर्फ 94 क्विंटल की वसूली हुई है.
उन्होंने कहा कि करीब 86 क्विंटल का कोई रिकॉर्ड ही नहीं मिला. इस पर राशन दुकान संचालकों को राजस्व विभाग की तरफ से आरआरसी जारी की गई है. आरआरसी जारी तो गई की गई, लेकिन उसके बाद कोई सख्ती नहीं हुई. उन्होंने कहा कि अब तक गड़बड़ी करने वालों पर आखिरकार कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई.
कोमल हुपेंडी ने कहा कि किसानों के लिए दोनों पार्टियों ने कुछ किया तो नहीं, लेकिन वाहवाही लूटने और खुद को किसान हितैषी बताने के लिए गंदी राजनीति कर रहे हैं. यदि भूपेश सरकार ने वास्तव में किसानों के लिए काम किया है तो चुनाव आते ही घबराने की जरुरत क्या है? आखिर इतनी झटपाहट दोनों दलों को क्यों हो रहा है. उन्होंने किसानों से कहा कि कांग्रेस-बीजेपी एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं, इनके झांसे में न आए.