नारायणपुर। छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ इलाके में डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी) जवानों और माओवादियों के बीच चल रहे एक बड़े अभियान में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। इस मुठभेड़ में अब तक 30 माओवादी ढेर हो चुके हैं, जिनमें एक करोड़ रुपये का इनामी शीर्ष माओवादी बसव राजू भी शामिल है।
खबर है कि कई अन्य बड़े माओवादी नेताओं के भी मारे जाने की संभावना है। इसलिए मारे गए माओवादियों की संख्या अभी और बढ़ सकती है। राज्य के उप मुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा ने इस बड़ी कामयाबी की पुष्टि करते हुए बताया कि इस ऑपरेशन में एक जवान बलिदान व एक अन्य जवान घायल हुआ है।
बड़े माओवादी लीडर को घेर लिया
यह मुठभेड़ नारायणपुर, बीजापुर और दंतेवाड़ा जिलों के डीआरजी जवानों की संयुक्त टीम द्वारा बुधवार सुबह से माड़ के दुर्गम और घने जंगलों में जारी थी। सुरक्षाबलों ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बड़े माओवादी लीडरों को घेर लिया था।
यह अभियान माओवादी विरोधी अभियानों के लिए एक मील का पत्थर साबित हो रहा है। अबूझमाड़ को माओवादियों का अभेद्य गढ़ माना जाता रहा है। इस सफलता से क्षेत्र में माओवादी गतिविधियों पर लगाम लगने और उनके नेटवर्क को बड़ा नुकसान पहुंचने की उम्मीद है।
21 दिनों तक चले अभियान में मारे गए थे 31 माओवादी
यह हाल ही में कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर चलाए गए सबसे बड़े अभियान के बाद एक और बड़ी सफलता है। कर्रेगुट्टा में 21 दिनों तक चले अभियान में 31 माओवादियों को ढेर कर सुरक्षाबलों ने बड़ी कामयाबी हासिल की थी। उस अभियान के दौरान जवानों ने 214 माओवादी ठिकानों और बंकरों को नष्ट किया था। साथ ही 450 आइईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) भी बरामद किए थे।
चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद कोबरा और डीआरजी के 18 जवान घायल हुए थे, लेकिन उन्होंने दृढ़ता से अभियान को अंजाम दिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ को 2026 तक माओवादी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। इस संकल्प के बाद से सुरक्षा बल लगातार माओवादियों के खिलाफ सघन सर्चिंग आपरेशन चला रहे हैं, जिससे माओवादियों पर भारी दबाव बढ़ा है। इसी दबाव के चलते कई माओवादियों ने आत्मसमर्पण भी किया है।